शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

सूक्ष्‍म, लघु और मझौले उपक्रमों को विश्व स्तरीय उत्पाद तैयार करने का प्रयास करना चाहिए : पीयूष गोयल

संवाददाता : नई दिल्ली


      केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग और रेलवे मंत्री, पीयूष गोयल ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु और मझौले उपक्रमों (एमएसएमई)  के पास अपने छोटे आकार के कारण निर्यात बाजार की जरूरतो को बेहतर तरीके से पूरा करने तथा बाजारा के अनुकूल अपने में बदला लाने की बेहतर क्षमता है।


गोयल ने एमएसएमई संगठनों के साथ उद्योग के विभिन्‍न मुद्दों और उनकी समस्‍याओं के समाधान के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा के लिए कल नयी दिल्‍ली में आयोजित एक बैठक में यह बात क‍ही



बैठक में एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित कई मुद्दे भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्‍की) तथा एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) के माध्यम से चर्चा के लिए रखे गए थे। बैठक में इनके साथ ही जिन सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें एमएसएमई इकाइयों को बैंकों से रिण  प्राप्त करने में होने वाली असुविधा, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और सरकारी विभागों से होने वाले भुगतान में देरी, जीएसटी रिफंड का मुद्दा, एसएमई क्षेत्र में कुशल श्रमशक्ति की कमी तथा राज्यों में अलग-अलग वेतन दिए जाने जैसी बातें शामिल थीं।


भारत में एमएसएमई क्षेत्र दस करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराता है। देश के विनिमार्ण क्षेत्र में 45 प्रतिशत से अधिक और निर्यात क्षेत्र में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान करता है।  देश भर में 63.4 मिलियन इकाइयों के साथ एमएसएमई देश के विनिर्माण जीडीपी में 6.11प्रतिशत और सेवा क्षेत्र के जीडीपी में  24.63 प्रतिशत का  योगदान करता है।


वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने लघु उद्योग विकास बैंक और माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज  के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट को एक ढांचा स्थापित करने का निर्देश दिया, जो उन्हें एसएमई इकाइयों को तेजी से ऋण देने में सक्षम बनाता है और बीमा कवर भी प्रदान करता है।


वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने एसएमई क्षेत्र से अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले सामान का उत्पादन करने का आग्रह किया ताकि एसएमई क्षेत्र से निर्यात वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बन सके। उन्‍होंने लघु उद्योग विकास बैंक  और सूक्ष्‍म तथा लघु उपक्रमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट को एक ऐसा तंत्र  स्थापित करने का निर्देश दिया, जो उन्हें एसएमई इकाइयों को जल्‍दी ऋण देने में सक्षम बना सके और ऐसी इकाइयों से जुड़े निर्यातकों को बीमा सुरक्षा भी दे सके ।


देरी से भुगतान के मुद्दे पर, श्री गोयल ने उन संभावनाओं का पता लगाने की बात कही जिससे बड़ी कंपनियों द्वारा एमएसएमई को समय पर पूरा भुगतान कर सकें ताकि एमएसएमई इकाइयों की कार्यशील पूंजी अवरुद्ध न हो।


अपना व्‍यवसाय शुरु करने वाली 80 लाख महिला उद्यमियों को सरकार की ओर से मदद की व्‍यवस्‍था का जिक्र करते हुए श्री गोयल ने कहा कि ऐसी उद्यमियों को सरकार की ओर से ई-बाजार की सुविधा देने की व्‍यवस्‍था हो रही है। ऐसी महिलाएं अपने उत्‍पादों को ई बाजार पर प्रदर्शित कर सकती हैं।


वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने एसएमई क्षेत्र को आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से उनका मंत्रालय इस क्षेत्र और अन्य सभी क्षेत्रों के लिए आवश्यक कार्यबल को जरूरी कौशल प्रशिक्षण में पूरी मदद करेगा