शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

विरासत में प्रौद्योगिकी का उपयोग हमारी विरासत की बेहतर समझ को प्राप्त करने में मदद कर सकता है : प्रह्लाद सिंह पटेल

संवाददाता : नई दिल्ली 


      केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रहलाद सिंह पटेल ने एक महीने चलने वाली ‘डिजिटल स्पेस में भारतीय विरासत’ नामक विशेष प्रदर्शनी और दो दिवसीय पहली अंतर्राष्ट्रीय विरासत संगोष्ठी का नई दिल्ली में उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी का आयोजन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के सहयोग से किया गया है। यह प्रदर्शनी आम जनता के लिए 15 फरवरी, 2020 तक खुली रहेगी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्री आशुतोष शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।



इस अवसर पर पहलाद सिंह पटेल ने कहा कि इस प्रदर्शनी में दर्शकों को हैम्पी के सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन और परंपराओं की पुनर्स्थापना, अनेक महत्वपूर्ण ढांचों का वास्तुशिल्पीय और स्थापत्य पुनर्गठन तथा भित्ति चित्रों के रहस्योद्घाटन का अनुभव प्राप्त होगा। यह एक अच्छी पहल है। विरासत में प्रौद्योगिकी का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन यह केवल शोध तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, यह जनता तक इस तरह पहुंचनी चाहिए कि वे विरासत स्थलों के अनदेखे पहलुओं को जानने और समझने का अवसर प्राप्त कर सकें।


यह प्रदर्शनी भारत की अपनी तरह की पहली प्रदर्शनी है जिसमें सांस्कृतिक धरोहर क्षेत्र में नवीनतम हस्तक्षेपों के प्रदर्शन पर विशेष ध्यान दिया गया है। इन्हें 3 डी फैब्रिकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, संवर्धन, परोक्ष और मिश्रित वास्तविकता, होलोग्राफिक प्रोजेक्शंस और प्रोजेक्शन मैपिंग आदि जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों द्वारा संचालित किया जा रहा है। ‘विरासत’ नामक एक विशेष इंस्टॉलेशन, जो 3 डी प्रतिकृति से युक्त है, दर्शकों को चुनिंदा  स्मारकों के मिले-जुले वास्तविक अनुभव उपलब्ध कराएगा। इसमें लेजर-स्कैनिंग, 3 डी मॉडलिंग और रेंडरिंग, 3 डी प्रिंटिंग, कंप्यूटर विजन और स्थानिक ए.आर का उपयोग किया जाएगा।