सोमवार, 9 नवंबर 2020

जानिए कैसे भारत के साथ दोस्ती निभाते रहे हैं बाइडेन, पूरा करेंगे 14 साल पुराना ख्वाब ?

 संवाददाता : नई दिल्ली

दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद हर किसी के मन में कई तरह के सवाल हैं। डोनाल्ड ट्रंप के बाद अमेरिका के नए राष्ट्रपति बनने जा रहे जो बाइडेन की भारत को लेकर क्या नीति होगी?  आप भी यह जरूर जानना चाहते होंगे, तो आइए आपको बताते हैं कि बाइडेन की भारत को लेकर क्या सोच रही है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को लेकर उनके इरादे क्या हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए जो बाइडेन भारत के बड़े समर्थक रहे हैं और भारत-अमेरिका के बीच मजबूत रिश्ते को उन्होंने हमेशा अहमियत दी है। सीनेटर और उपराष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने भारत के पक्ष में कई ऐसे कदम उठाए थे, जिनकी वह से उम्मीद की जा रही है भारत के साथ उनका नाता सकारात्मक होगा।

दो परिपक्व और जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत और अमेरिका के कई साझा हित हैं। रणनीति, राजनीति, डिफेंस, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्पेस के क्षेत्र में दोनों देश लंबे समय से साथ काम कर रहे हैं और दोनों देशों के बीच रिश्ता लगातार मजबूत होता रहा है। जो बाइडेन 1978-2008 तक एक सीनेटर के तौर पर और 2009 से 2016 तक उपराष्ट्रपति के तौर पर कई बार मजबूती से भारत के पक्ष में खड़े रहे। बाइडेन जब सीनेटर और विदेश संबंध समिति के चेयरमैन थे तब उन्होंने भारत के पक्ष में कई प्रस्तावों का समर्थन किया।

अगस्त 2001 में उन्होंने तब के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को लेटर लिखकर भारत पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने की अपील की थी। इसके अलावा 2008 में उन्होंने भारत-अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु समझौते को अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के एक्टिव रोल के हिमायती रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बराक ओबामा की अगुआई में डेमोक्रेटिक शासन और अमेरिकी प्रशासन के साथ अच्छा संबंध रहा है, उस समय जो बाइडेन उपराष्ट्रपति थे। ओबामा 2010 में भारत आए थे तो उपराष्ट्रपति जो बाइडेन 2013 में चार दिवसीय भारत दौरे पर आए थे। तब उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से मुलाकात की थी। उन्होंने मुंबई में कारोबारियों के साथ भी बैठक की थी। सितंबर 2014 में जब पीएम मोदी अमेरिका गए तो बाइडेन ने उनके लिए लंच का आयोजन किया था। 2016 में उन्होंने कांग्रेस के जॉइंट सेशन की अध्यक्षता की थी, जिसे पीएम मोदी ने संबोधित किया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन के पास अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने के उनके 14 साल पुराने ख्वाब को पूरा करने का एक मौका है। इसे पुराना ख्वाब इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बाइडेन ने दिसंबर 2006 में एक समाचार पत्र से बातचीत में कहा था, ” मेरा ख्वाब है कि 2020 में दुनिया के दो सबसे करीबी मुल्क भारत और अमेरिका हों। अगर ऐसा होता है तो दुनिया पहले से अधिक सुरक्षित होगी।”

क्या है आगे का इरादा?
अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित जो बाइडेन का प्रशासन भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनवाने में मदद करने, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग जारी रखने जैसे कदमों के साथ भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने को उच्च प्राथमिकता देगा। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बाइडेन प्रचार अभियान द्वारा जारी एक नीति पत्र में यह जानकारी दी गई है। यह भी बताया गया है कि वह इसे कैसे अमल में लाएंगे।

इस सूची में शीर्ष पर है भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए प्रयास करना, आतंकवाद पर सहयोग जारी रखना, जलवायु परिवर्तन और द्विपक्षीय व्यापार में कई गुना वृद्धि की दिशा में काम करते हुए संबंधों को मजबूत बनाना है। नीति पत्र में कहा गया है कि बाइडेन ने सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में और बराक ओबामा प्रशासन में उप राष्ट्रपति के रूप में सामारिक सहयोग को प्रगाढ़ करने में, लोगों के बीच संबंधों को गहरा करने और वैश्विक चुनौतियों पर भारत के साथ सहयोग बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

नीति पत्र में कहा गया,” कोई भी साझा वैश्विक चुनौती भारत और अमेरिका के जिम्मेदार सहयोगियों की तरह काम किए बगैर दूर नहीं की जा सकती। साथ मिलकर हम आतंकवाद-रोधी साझेदार के रूप में भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करते रहेंगे, स्वास्थ्य तंत्र और महामारी के लिए तैयारी में सुधार करेंगे, और उच्च शिक्षा, अंतरिक्ष खोज और मानवीय राहत जैसे क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करेंगे।”

नीति पत्र में कहा गया कि ओबामा-बाइडेन प्रशासन ने रणनीतिक, रक्षा, आर्थिक, क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को गहरा करना जारी रखा और अमेरिका-भारत साझेदारी को बढ़ाने में बाइडेन की भूमिका अहम थी। राष्ट्रपति चुनाव की आधिकारिक बहस के दौरान जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ट्रंप ने भारत को ‘गंदा बताया था, जिसके बाद बाइडेन ने उनकी आलोचना की थी।