सोमवार, 2 नवंबर 2020

मानसर झील परियोजना प्रति वर्ष 20 लाख पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र : डॉ. जितेंद्र सिंह

 संवाददाता : नई दिल्ली

इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डीओएनईआर), प्रधानमंत्री कार्यालय राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज का दिन मानसर क्षेत्र के लोगों के लिए ऐतिहासिक है। मानसर झील विकास योजना 70 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आज पूरी हो रही है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने व्यापक मानसर झील कायाकल्प / विकास योजना के ई- शिलान्यास समारोह के बाद कहा, पिछले 6 वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में शुरू की गई राष्ट्रीय परियोजनाओं की संख्या पिछले सात दशकों में इस तरह की परियोजनाओं की संख्या से अधिक है।

अद्भुत विकास स्पष्ट रूप से किसी का भी ध्यान आकर्षित किये बिना नहीं रह सकता है। श्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना के लागू होने के बाद, मानसर क्षेत्र में प्रति वर्ष पर्यटकों / तीर्थयात्रियों की संख्या मौजूदा 10 लाख से बढ़कर 20 लाख हो जाएगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मानसर कायाकल्प योजना से लगभग 1.15 करोड़ मानव-दिन रोजगार सृजित होंगे और प्रति वर्ष 800 करोड़ रुपये से अधिक की आय होगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कटरा-दिल्ली एक्सप्रेसवे कॉरिडोर का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका काम शुरू कर दिया गया है और साथ ही जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन से 6 लेन में बदलने का काम भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहाँ, रियासी में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बन रहा है, वहीं मरमट होते हुए सुधमहादेव से खिलेनी के बीच एक नई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना का कार्य शुरू हो गया है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर यह उपेक्षित क्षेत्रों में विकास की सुविधाओं को प्रदान करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि किश्तवाड़ में दूरदराज़ के क्षेत्र पद्दर को दो साल पहले अपना पहला केंद्र पोषित कॉलेज मिला था। केंद्र सरकार की उड़े देश का आम नागरिक-उड़ान (यूडीएएन) योजना के तहत किश्तवाड़ में एक नया हवाई अड्डा बन रहा है। इसी तरह, पोघल-उखराज और मरमट के दूर दराज के क्षेत्र को अपना पहला डिग्री कॉलेज मिला, गंडोह को अपना पहला पोस्ट ऑफिस मिला। उन्होने कहा कि दशकों से अधिक समय तक इन क्षेत्रों का केंद्रीय मंत्रियों और राज्य सरकार के मंत्रियों ने प्रतिनिधित्व किया है।

केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि मानसर का तीर्थयात्रा और धरोहर की दृष्टि से काफी महत्व है, इसके अलावा विशाल मानसर झील और इसके वनस्पतियों और जीवों के कारण सबसे अधिक प्राकृतिक आकर्षण का केंद्र है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन का योगदान 7 प्रतिशत है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण, पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा, पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को बड़े पैमाने पर राहत देने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने पर्यटन क्षेत्र के लिए 706 करोड़ रुपये दिए हैं। श्री सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विश्व मानचित्र में सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल के सलाहकार बशीर अहमद खान, पर्यटन सचिव सरमद हफीज, संभागीय आयुक्त संजीव वर्मा, जम्मू के पर्यटन निदेशक आर.के. कटोच, सुरिंसर-मानसर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सीईओ डॉ. गुरविंदर जीत सिंह तथा जम्मू और श्रीनगर के अन्य वरिष्ठ अधिकारी वेबिनार और ई-उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।