शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे का डिजिटलीकरण...

 संवाददाता : नई दिल्ली

जल जीवन मिशन (जेजेएम) का लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को विशेषकर सेवा वितरण यानी नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता के साथ नल कनेक्शन प्रदान करना है। सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम की निगरानी और स्वचालित रूप से सेवा वितरण डेटा प्राप्‍त करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल की आवश्यकता है। जल आपूर्ति अवसंरचना के डिजिटलीकरण में वर्तमान समस्याओं को हल करने के साथ-साथ भविष्य की चुनौतियों का अनुमान लगाने और उनका पता लगाने की क्षमता है।

जल प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ प्राप्‍त करना समय की जरूरत है। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय के साथ मिलकर 'स्मार्ट जलापूर्ति मापन एवं निगरानी प्रणाली' विकसित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईसीटी ग्रैंड चैलेंज की घोषणा की थी। जल जीवन मिशन इस ग्रैंड चैलेंज का उपयोगकर्ता एजेंट होगा और सी-डैक, बैंगलोर कार्यान्वयन एजेंसी है, जो चैलेंज के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। सी-डैक शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) डेवलपमेंट के लिए तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगा। यह उन्हें मार्गदर्शन, तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा।

 इस चैलेंज में कुल 218 आवेदनों के साथ पूरे भारत में उत्साही भागीदारी देखी गई। ये आवेदन विभिन्न क्षेत्रों जैसे एलएलपी कंपनियों, इंडियन टेक स्टार्ट-अप्स, इंडिविजुअल्स आदि से प्राप्त किए गए थे, जो निम्न आंकड़ों के अनुसार थे। आवेदन 46 व्यक्तियों, 33 कंपनियों, 76 भारतीय टेक स्टार्ट-अप, 15 एलएलपी कंपनियों और 43 एमएसएमई से प्राप्त किए गए थे।

अभी आवेदनों का मूल्यांकन जारी है। लघुसूची में शामिल किए गए सबमिशन को विधिवत गठित जूरी के सामने प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया जाएगा, जो इन ऑनलाइन प्रस्तुतियों का संचालन करेगा और प्रोटोटाइप विकास के अगले दौर के लिए शीर्ष 10 की पहचान के लिए आवेदनों की समीक्षा करेगा।

ग्रैंड चैलेंज में आगे आइडिएशन टू प्रोटोटाइप स्टेज, प्रोटोटाइप टू प्रोडक्ट स्टेज, प्रोडक्ट डिप्लॉयमेंट स्टेज और तीन विजेताओं की घोषणा शामिल है। इन सभी चरणों को इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के वित्तपोषण समर्थन के साथ किया जाएगा। इन चरणों के मूल्यांकन के आधार पर, एक विजेता और दो उपविजेताओं का चयन किया जाएगा और उन्हें विजेता के लिए 50 लाख रुपये और प्रत्येक रनर-अप के लिए 20 लाख रुपये दिए जाएंगे।

यह ग्रैंड चैलेंज भारत की सशक्‍त इको-सिस्टम से ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति की सेवा वितरण को मापने और निगरानी करने के लिए स्मार्ट ग्रामीण जल आपूर्ति इको-सिस्टम बनाने का मार्ग प्रशस्‍त करेगा। यह चैलेंज जल जीवन मिशन के लिए काम करने और प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।