बुधवार, 20 जनवरी 2021

765 किलोग्राम मादक पदार्थ और प्रतिबंधित दवाओं 36761 नशीली गोलियां/कैप्सूल जब्त करने में हरियाणा पुलिस कामयाब रही...

 संवाददाता चंडीगढ़ हरियाणा 

हरियाणा पुलिस साल 2020 में गुप्त सूचनाओं के आधार पर 765 किलोग्राम मादक पदार्थ और प्रतिबंधित दवाओं की श्रेणी में आने वाली 36761 नशीली गोलियां/कैप्सूल जब्त करने में कामयाब रही।पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने मंगलवार यहां बताया कि 286 लोगों ने बिना किसी भय के ’निडर होकर’ अंतर-राज्यीय ड्रग सचिवालय के टोल-फ्री नंबर, मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप अकाउंट के माध्यम से अवैध मादक पदार्थों के तस्करी से संबंधित जानकारी पुलिस के साथ साझा की।

उन्होंने बताया कि ऐसी सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए पुलिस द्वारा गत वर्ष जनवरी से दिसंबर के बीच एनडीपीएस अधिनियम के तहत 35 मामले दर्ज कर प्रदेश में सप्लाई की जाने वाली मादक पदार्थों की एक बड़ी खेप को जब्त किया गया। नशा बरामदगी का आंकड़ा साझा करते हुए डीजीपी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से 764 किलोग्राम गांजा, 208 ग्राम हेरोइन, 53 ग्राम स्मैक, 870 ग्राम चरस, 131 ग्राम अफीम और 36761 प्रतिबंधित गोलियां व कैप्सूल बरामद किए।

यादव ने कहा कि फरवरी 2020 के सिरसा जिले में नशीली दवाओं की तस्करी के बारे में एक गुप्त इनपुट मिलने के बाद, हमारी पुलिस टीमों ने बिना देरी के तुरंत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से 27600 नशीले कैप्सूल और 8000 प्रतिबंधित गोलियां बरामद कीं। इसी प्रकार, रोहतक में भी मिली गुप्त सूचना पर आगे बढते हुए पुलिस ने अप्रैल में 41 किलो गांजा बरामद किया, जबकि जुलाई 2020 में जिला पलवल में 619 किलोग्राम 450 ग्राम गांजे की बडी खेप जब्त की गई। अप्रैल में दी गई एक और विश्वसनीय सूचना के आधार पर जींद जिले में 60 किलो से अधिक गांजा बरामद किया गया।

उल्लेखनीय है कि देश के उत्तरी क्षेत्र, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली सहित केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में नशे के बढते खतरे से संयुक्त रूप से निपटने के प्रयास के तहत पंचकूला में एक केंद्रीकृत ड्रग सचिवालय की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास ड्रग सप्लाई नेटवर्क या अन्य कोई जानकारी है, वह टोल-फ्री नंबर 1800-180-1314, मोबाइल नंबर 7087089947 और लैंडलाइन नंबर 01733-253023 पर पुलिस के साथ साझा कर सकता है। सूचना देने वाले की पहचान ‘गोपनीय’ रखी जाती है।