शनिवार, 13 फ़रवरी 2021

उत्तराखंड  एक झलक में, उत्तराखंड की प्रमुख खबरें…

 संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड 

उत्तराखंड  एक झलक में, उत्तराखंड की प्रमुख खबरें

उत्तराखंड को 18वें सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस अवार्ड 2020 दिया गया है। लखनऊ में शुक्रवार आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बतौर मुख्यअतिथि उपस्थित थे। उन्होंने उत्तराखंड को ई-मंत्रीमंडल और उत्तराखंड ऑडिट मैनेजमेंट के लिए पुरस्कार प्रदान किए। उत्तराखंड की ओर से यह पुरस्कार एनआईसी के एसआईओ के.नारायण तथा संयुक्त सचिव गोपन विभाग श्री ओमकार सिंह ने पुरस्कार प्राप्त किए।
 
उत्तराखंड को यह पुरस्कार प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री ने गोपन विभाग एवं एनआईसी के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि गुड गवर्नेस के लिए ई-गवर्नेस बहुत जरूरी है। ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, सीएम हेल्पलाईन आदि महत्वपूर्ण पहल हैं। कोशिश है कि लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक लाभ मिले। ई-कैबिनेट की पहल करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है।


मुख्यमंत्री से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री जी से जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में आयी आपदा के सबंध में संचालित किये जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों पर चर्चा की । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। एनटीपीसी की सुरंग में मलबा अधिक भरने की वजह से उसे हटाने में समय अधिक लग रहा है। राहत एवं बचाव कार्यों में और तेजी आ सके इसके लिए अलग-अलग फोर्स एवं अधिकारियों को जिम्मेदारियां दी गई है। केन्द्र सरकार का भी इस आपदा में बचाव एवं राहत कार्यों में राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रैणी क्षेत्र में आपदा के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए किये गये प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जिस तेजी से मुख्यमंत्री ने सभी सबंधित राहत दलों एवं विभागों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये उससे स्थिति काफी हद तक नियंत्रित हुई है। आपदा पीड़ितों को भी आवश्यक सहायता समय पर उपलब्ध कराने के लिए भी उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रयासों को सराहा।


मुख्यमंत्री ने वन मुख्यालय पर तत्काल इन्टीग्रेटेड फायर कमांड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर की स्थापना के निर्देश दिए है। वन मुख्यालय में वनाग्नि प्रबंधन एवं सुरक्षा की बैठक लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि प्रबंधन के लिए यह देश का पहला सेंटर होगा। इस सेंटर के माध्यम से सैटेलाईट से सीधे फायर संबंधित सूचनाओं को एकत्रित कर फील्ड लेवल तक पहुंचाने की व्यवस्था की जायेगी। इसमें फॉरेस्ट टोल फ्री नम्बर 1926 की व्यवस्था के साथ ही अन्य आधुनिक व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं तैयार रखी जाए।
 
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कैम्पा मद से प्राप्त बाईकों को हरी झण्डी दिखाई एवं स्टेट फायर प्लान प्रति का अनावरण भी किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वनाग्नि को बुझाने में जान गंवाने वाले फ्रंटलाईन फॉरेस्ट स्टॉफ के आश्रितों को दी जाने वाली धनराशि 2.5 लाख से बढ़कार 15 लाख रूपये की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वनाग्नि प्रबंधन के लिए एक अपर प्रमुख वन संरक्षक स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाय। राज्य में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए इनके द्वारा मॉनिटरिंग की जायेगी।


देहरादून-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग के अन्तर्गत मोतीचूर में हरिपुर कला गांव के लिए अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री  ने एनएचएआई द्वारा इसकी स्वीकृति प्रदान करने पर प्रधानमंत्री और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री को धन्यवाद दिया है। बताते चलें कि देहरादून-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग के अन्तर्गत मोतीचूर में हरिपुर कला गांव के लिए उपयुक्त यातायात रूट न होने से गांव का सम्पर्क सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग से होने के कारण इस क्षेत्र में सड़क दुर्घटना एवं जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। ऐसे में अब, राज्य सरकार के अनुरोध पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा इस स्थान पर अण्डरपास का निर्माण किया जायेगा, जिसका भविष्य में रख-रखाव उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जाने पर राज्य सरकार ने सहमति प्रदान कर दी है।