मंगलवार, 15 जनवरी 2019

संघ विचारक माननीय डा. देवेन्द्र स्वरूप जी अग्रवाल का निधन...

वि.एस. नेगी : नई दिल्ली 


प्रसिद्ध संघ विचारक माननीय डा. देवेन्द्र स्वरूप जी अग्रवाल का निधन हो गया। वे ९४  वर्ष क थे ,जीवन में सादगी और विचारधारा से क्रान्तिकारी सोच के कारण उन्हें मीडिया में विशेष रूप से जाना जाता है।


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक, पाञ्चजन्य (पत्र) के पूर्व सम्पादक, भारतीय इतिहास तथा संस्कृति के गहन अध्येता रहे। उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्रवादी पत्रकारिता के लिये समर्पित रहा।


आप दिल्ली विश्वविद्यालय के पी जी डी ए वी सांध्य महाविद्यालय में इतिहास के प्राध्यापक रहे।


पाञ्चजन्य, मंथन और नवभारत टाइम्स में समय-समय पर उनके विभिन्न विषयों पर लिखे गये लेखों की पुस्तक माला का लोकार्पण भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया।


काशी हिन्दू विश्व विधालय से सन् 1947 में बी॰एससी॰ किया। उसके बाद वे सन् 1947 में संघ के पूर्णकालिक प्रचारक हो गये। अगले वर्ष जब संघ पर प्रतिबन्ध लगा तो उन्हें गिरफ़्तार करके गाज़ीपुर जेल में रक्खा गया। 1948 में जब संघ ने प्रतिबन्ध के विरोध में सत्याग्रह शुरू किया और अटल जी भूमिगत हो गये तो उन्होंने काशी से शुरू की गयी पत्रिका चेतना के सम्पादन का दायित्व संभाला। 


1961 में  लख़नऊ विश्व विधालय से इतिहास विषय में एम ए किया। उसके पश्चात् प्राचीन भारत में राष्ट्रीय एकता की प्रक्रिया विषय पर पी.एच॰डी॰ की। सन् 1961 में उन्होंने संघ से अनुमति लेकर विवाह कर लिया और 1964 में वे दिल्ली आ गये। आजकल पूर्वी दिल्ली  के मयूर विहार (फेज-वन) में रह रहे हैं।


1968 में पाञ्चजन्य लख़नऊ से दिल्ली स्थानान्तरित हो गया। संघ के आदेश पर उन्होंने कुछ वर्षों तक पाञ्चजन्य का सम्पादन किया। अपने परिवार के साथ रहते हुए चेतना, राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य, मंथन और नवभारत टाइम्स में समय-समय पर विभिन्न विषयों पर अब भी लेख लिखते रहते हैं।


देवेन्द्र स्वरूप जी की निम्न पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं:



  • संघ : बीज से वृक्ष,

  • संघ : राजनीति और मीडिया,

  • अयोध्या का सच,

  • जाति-विहीन समाज का सपना।