सोमवार, 6 मई 2019

अवॉर्ड वापसी के शिकार अक्षय कुमार भी बन सकते हैं….

आशुतोष ममगाई  : देहरादून उत्तराखंड 



               बाॅलीवुड के मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार को फिल्म रुस्तम में किये अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था, लेकिन जबसे अक्षय कुमार ने अपनी कैनेडियन नागरिकता के बारे में ट्वीट किया है, तब से सोशल मीडिया एकदम एक्टिव मोड पर चला गया है। यहां तक कि सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं। फिलहाल अक्षय कुमार के नेशनल अवॉर्ड के बारे में लगातार बहस चल रही है। लोगों का यह कहना है कि किसी विदेशी नागरिक को भारत का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार कैसे दिया जा सकता है?


2016 में अक्षय कुमार टीनू सुरेश देसाई डायरेक्टेड फिल्म 'रुस्तम' में नजर आए थे। 1959 के नानावटी केस पर आधारित इस फिल्म में अक्षय कुमार ने रुस्तम पावरी नाम के एक इंडियन नेवी ऑफिसर का रोल किया था, जिसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया था। अब तो सोशल मीडिया पर भी हवा चलने लगी है कि अक्षय कुमार इस नेशनल अवॉर्ड के लिए एलिजिबल भी हैं या नहीं।


ये तो हो गई आम जनता, अब आते हैं फिल्म इंडस्ट्री के पास। यहां भी कुछ लोग बहुत जल्द इस सवाल पूछने वाली भीड़ का हिस्सा बन गए। मशहूर फिल्म एडिटर और राइटर अपूर्व असरानी ने एक ट्वीट में कहा कि कैनेडा का नागरिक इंडिया में नेशनल अवॉर्ड कैसे जीत सकता है ! क्योंकि जिस साल अक्षय ने ये अवॉर्ड जीता था, उनके साथ मनोज बाजपेयी को भी फिल्म 'अलीगढ़' में उनकी एक्टिंग के लिए बेस्ट एक्टर नेशनल अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था, और ये सवाल अपूर्व इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि फिल्म 'अलीगढ़' की कहानी उन्होंने ही लिखी थी। अपूर्व ने ये भी कहा कि अगर नेशनल अवॉर्ड देने वाली ज्यूरी और मंत्रालय से कुछ तो गड़बड़ी हुई है। 


अक्षय कुमार को घिरते हुए देख फिल्ममेकर राहुल ढोलकिया तुरन्त उनके बचाव में उतर गए। राहुल ने डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स के नियमों का एक स्क्रीनशॉट पोस्ट किया। डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स वो संस्थान है, जो नेशनल अवॉर्ड जीतने की योग्यता तय करती है और ये अवॉर्ड देती है। स्क्रीनशॉट में पता चलता है कि उस ऑर्गनाइजेशन के नियमों के मुताबिक 


”विदेशी मूल के फिल्म व्यवसायी और टेक्निशियन भी इंडिया का नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीत सकते हैं.”
राहुल ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि नेशनल अवॉर्ड के मसले पर क्लैरिफिकेशन आ गया है। विदेशी मूल के लोगों को भी ये अवॉर्ड दिया जा सकता है। ये वैध और नियमों के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि वो भी कई बार नेशनल अवॉर्ड ज्यूरी का हिस्सा रह चुके हैं (हालांकि अक्षय वाले मामले में वो इसा हिस्सा नहीं थे) राहुल ढोलकिया का ट्वीट आप नीचे देख सकते हैं।


Clarification on National Award& foreign nationals can get National Awards – it*s legal legit and by the booksI have been on the jury ¼ not for this one½ and so found out from an official Manoj Srivastava who sent me this #NationalAward


अब ये बात तो क्लीयर हो गई लेकिन नागरिकता के मसले पर अक्षय कुमार की काफी फजीहत हो गई है। उनकी कही बातों में काफी मिलावट और फर्जीवाड़ा मिल रहा है। भारत सरकार तो किसी के सवालों के जवाब देती नहीं लेकिन जनता ने अक्षय कुमार के लिए पिछले कुछ ही समय में काफी सवाल तैयार कर लिए हैं, जिनके जवाब वो उनसे मांग रही है। अपनी नागरिकता के बारे में किए ट्वीट के अलावा अक्षय ने किसी भी मसले पर अपनी कोई बात नहीं रखी है, और उनके ट्वीट का पोस्टमॉर्टम कर ये पता लगाया जा चुका है कि अक्षय के कैनेडा के ऑनररी सिटिजन होने की बात झूठ है। अब ये नया मामला उठा तो था, लेकिन अब ये सुलटता नजर आ रहा है। लेकिन इन सभी मसलों पर अक्षय कुमार के जवाब का इंतजार जनता बेसब्री से कर रही है।