सोमवार, 29 जुलाई 2019

घर के पास स्कूल - बटोही के जनजातीय बच्चों को मिला तोहफा...

संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश


              सतना जिले के कोल और मवासी जनजाति के 51 बच्चों को पढ़ने के लिये अब उनके गाँव बटोही से दूर नहीं जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री कमल नाथ के निर्देशों के पालन में अब इस जनजातीय बहुल गाँव में प्राथमिक शाला संचालित होने लगेगी। 



जिले की चित्रकूट नगर पंचायत का करीब पचास घरों का यह गाँव मझगंवा विकासखंड में आता है। यहाँ कोल और मवासी जनजातिय के करीब 250 परिवार रहते हैं। गाँव में स्कूल नहीं होने से यहाँ के बच्चों को दो किलोमीटर दूर अनसुइया गाँव में जाना पड़ता था। अनसुइया गाँव एक पर्यटन स्थल है। यह बच्चे स्कूल जाने में बहुत अनियमित रहते थे। कुछ बच्चे तो मजदूरी का काम करने लग गये थे। 


चित्रकूट प्राथमिक शाला में शिक्षक विनोद सिंह बताते हैं कि वे जब इन बच्चों के संपर्क में आये तो पता चला कि इनके गाँव में स्कूल नहीं है और इनकी संख्या 50 के करीब है। उन्होंने बच्चों के परिवार से बात की और उन्हें गाँव में ही स्कूल खोलने के लिये प्रेरित किया। विनोद सिंह के अनुसार छोटी सी शुरूआत हुई और कुछ जागरूक पत्रकार मनीष पांडे, अशोक मिश्रा और पास के गाँव पथरा पाल के किसान कमलेश पांडे साथ आये और गाँव वालों की मदद से अस्थाई स्कूल बन गया। 


साप्ताहिक समाचार "रेवांचल रोशनी" निकालने वाले मनीष पांडे ने बताया कि सतना से चित्रकूट अक्सर जाना होता है। उसी दौरान अनसुइया आश्रम में बटोही के आदिवासी बच्चों से बात हुई। उनकी परेशानी सुनकर लगा कि इनके गाँव में ही स्कूल होना चाहिए। साथी पत्रकार अशोक मिश्रा के साथ गाँव वालों की मदद का संकल्प लिया। गाँव वालों ने साथ दिया। वे बताते हैं कि गाँव के लोगों को जब पता चला कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने बटोही गाँव में प्राथमिक स्कूल चलाने के लिये कलेक्टर को निर्देश दे दिये हैं तो सब खुश हो गये। हम लोगों को भी बहुत आत्मिक प्रसन्नता हुई कि हमारे प्रयास को सम्मान मिला। 


अशोक मिश्रा बताते हैं कि मुख्यमंत्री के निर्णय से पूरे गाँव की उम्मीदें जागी हैं कि अब गाँव में बहुत कुछ होगा। पूरे चित्रकूट क्षेत्र में लोग मुख्यमंत्री की पहल से खुश हैं। वे बताते हैं कि जिला कलेक्टर ने विनोद सिंह को फिलहाल बटोही गाँव में भी पढ़ाई शुरू करवाने के लिये कहा है।