गुरुवार, 29 अगस्त 2019

श्रद्धालुओं के लिए अब कठिन नहीं होगी उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा...

संवाददाता: देहरादून उत्तराखंड 


      उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा को जाने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए खुशी का प्रसंग है कि हर मौसम में उत्तराखंड के चारधमों को सड़क मार्ग से जोड़ने की केंद्र सरकार के महत्वकांशी “चारधाम हाईवे प्रोजेक्ट” को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी प्रदान कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलने से इस परियोजना के निर्माण का मार्ग प्रशस्त एवं सुनिश्चित हो गया है। राजमार्ग के बनने से चारधाम यात्रा सुगम हो जाएगी। श्रद्धालु चारों धामों के कम समय मे सुगमतापूर्वक दर्शन कर सकेंगे।


वर्ष भर कोई भी मौसम बाधक नहीं बनेगा।सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए नई समिति का गठन किया है। जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन एवं सूर्यकांत की पीठ ने उच्च स्तरीय समिति का गठन कर राष्ट्रीय हरित अभिकरण के 26 सितंबर 2018 के आदेश में संशोधन कर समिति के प्रमुख प्रो. रवि चोपड़ा को बनाया है जो जस्टिस यूसी ध्यानी का स्थान लेंगे और समिति के चेयरमैन होंगे। पीठ ने समिति में अहमदाबाद स्थित भारत सरकार के अन्तरिक्ष विभाग से भोंतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, देहरादून के भारतीय वन्य जीव संस्थान, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के देहरादून स्तिथ क्षेत्रीय कार्यालय एवं सीमा सड़क मामलों से सम्बंधित रक्षा मंत्रालय के निदेशक स्तर के प्रतिनिधि को शामिल करने के निर्देश दिए हैं।



वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को इस समिति का गठन 22 अगस्त 2019 तक करने को पीठ ने निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि इस परियोजना को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा 26 सितंबर 2018 को स्वीकृति प्रदान कर दी थी।परियोजना के लिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 475.11 हेक्टर वन भूमि के उपयोग की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है।चारधाम महामार्ग (एक्सप्रेसवे ) उत्तराखंड राज्य में एक प्रस्तावित एक हाईवे परियोजना है, जिसके अंतर्गत राज्य में स्थित चारधाम तीर्थस्थलों को एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से जोड़ा जायेगा। इस योजना को चारधाम मार्ग का पुनरुद्धार भी कहा जा रहा है। केंद्र की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चीन सीमा और चारधामों तक पहुंचने वाली सड़कों को विश्व स्तर का बनाया जाएगा।इस परियोजना की कुल लागत 12000 हज़ारकरोड़ रुपये रखी गई है जिसमें 900 किमी दो लेन राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क बनाई जाएगी। बनने वाले राजमार्ग की चौड़ाई कम से कम 10 से 15 मीटर होगी।


राजमार्ग पर यातायात में सुगमता के लिए सुरंग, बायपास, पुल, सब-वे आदि होंगे। चारधाम रूट के साथ-साथ विभिन्न सुविधाओं और सार्वजनिक सुविधाओं का भी निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा यहां पार्किंग के लिए रिक्त स्थान और आपातकालीन निकास के लिए हेलीपैड भी बनाए जाएंगे। एक टीम को भूस्खलन वाले संवेदनशील क्षेत्र की पहचान करने के लिए लगाया जाएगा। ये टीम इन क्षेत्रों को सुरक्षित बनाने के लिए यहां के डिजाइन को लेकर सुझाव देगी। केंद्रीय मंत्री गडकरी की माने तो इस परियोजना के निर्माण कार्य में जिस तरह की अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है उससे यह नया हाईवे सभी मौसमों में चालू रहेगा और प्राकृतिक आपदाओं या भूस्खलन की घटना का हाईवे पर कोई असर नहीं हो सकेगा। यही नहीं ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को मुहैया कराया जाएगा। उनका दावा है कि यह परियोजना नदियों को आपस में जोड़ने की योजना के बाद एक बड़ी और महत्वपूर्ण साबित होगी।