रेनू डबराल @ नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू पूर्व विदेश मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज की अंत्येष्टि में शामिल हुए। स्वराज का आज यहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले नायडू ने नई दिल्ली स्थित स्वराज के आवास पर जाकर उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।अपने संदेश में उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वराज के आकस्मिक निधन से उन्हें गहरा आघात पहुंचा है।
नायडू ने उनके निधन को देश के लिए बहुत बड़ी क्षति और अपने लिए व्यक्तिगत नुकसान बताया। उन्होंने कहा, 'वह उत्कृष्ट प्रशासक, बेहतरीन सांसद और असाधारण वक्ता थीं। शोक संतप्त परिवार के प्रति मैं हार्दिक संवेदना प्रकट करता हूं।'
बाद में फेसबुक पर नायडू ने स्वराज और उनके परिवार के साथ अपने लम्बे और करीबी संबंधों को याद किया और कहा कि वह हर साल उन्हें राखी बांधा करती थीं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की। नायडू ने उन्हें निष्ठा, गरिमा और शिष्टता का मूर्त रूप बताया।
उन्होंने कहा कि स्वराज को उनके मानवीय और करुणापूर्ण स्वभाव के लिए जाना जाता था और वह तकलीफ से घिरे लोगों की हमेशा मदद करती थीं।
प्रधानमंत्री ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि अर्पित की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के असामयिक निधन पर उनके निवास स्थान पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारतीय राजनीति का एक शानदार अध्याय समाप्त हो गया है। भारत एक ओजस्वी नेता के दु:खद निधन पर शोक व्यक्त करता है, जिसने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा और गरीबों का जीवन बेहतर बनाने के लिए समर्पित कर दिया। सुषमा स्वराज जी अपने किस्म की एक नेता रही हैं और करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत रही हैं।
सुषमा स्वराज एक प्रबुद्ध वक्ता और उत्कृष्ट सांसद थीं। उन्होंने हमेशा प्रशंसा और सम्मान अर्जित किया। भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा और हितों के मामलों के बारे में उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने बीजेपी पार्टी की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे एक अच्छी प्रशासक रही हैं और उन्होंने जिस भी मंत्रालय को संभाला उसमें उच्च मानक स्थापित किए हैं। विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक मंत्री के रूप में हमने कई बार उनकी सहृदयता को देखा है। उन्होंने दुनिया के किसी भी हिस्से में संकट में फंसे भारतीयों की मदद करने में कभी कसर नहीं छोड़ी।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं पिछले पांच वर्षों में एक विदेश मंत्री के रूप में सुषमा जी द्वारा किए गए अथक परिश्रम के तौर-तरीकों को कभी नहीं भूल सकता। जब उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था, तब भी अपने काम के प्रति न्याय करने के लिए उन्होंने हर संभव कोशिश की और हमेशा अपने मंत्रालय के मामलों को अद्यतन रखा।
उनकी भावनाएं और प्रतिबद्धता बेमिसाल रही। सुषमा जी का निधन उनकी व्यक्तिगत हानि है। उन्हें भारत के लिए किए गए हर काम के लिए हमेशा याद किया जाएगा। मैं संकट की इस घड़ी में उनके परिवार, समर्थकों और प्रशंसकों के साथ संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति !
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कल रात नई दिल्ली में निधन हो गया था।