गुरुवार, 19 सितंबर 2019

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने आकांक्षी महिला उद्यमियों के लिए अपशिष्ट प्रबंधन उत्प्रेरक तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का शुभारंभ किया...

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


      केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज नई दिल्ली में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की अनेक पहलों का शुभारंभ किया।  इन पहलों में मार्गदर्शन और मार्गदर्शक माध्यम से सुविधा, डिप्लोमा कोर्सों के लिए मॉडल पाठ्यक्रम, आकांक्षी महिला उद्यमियों के लिए अपशिष्ट प्रबंधन उत्प्रेरक (डब्ल्यूएडब्ल्यूई समिट 2019) और  समस्त फेकल्टी का फीडबैक शामिल हैं।



इस अवसर पर रमेश पोखरियाल ने कहा कि 'डब्ल्यूएडब्ल्यूई समिट 2019' एक बेहतरीन पहल है क्योंकि महिलाओं के अपने हाथों में ही कौशल है और इससे वे अधिक सशक्त बनेंगी और प्रेरित होंगी। उन्होंने बताया कि यह डब्ल्यूएडब्ल्यूई शिखर सम्मेलन नवंबर-दिसंबर 2019 में आयोजित किया जाएगा। इसे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और भारतीय अपशिष्ट प्रबंधन संस्थान (आईआईडब्ल्यूएम) जयपुर में संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह सम्मेलन युवा स्नातकों में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जाने वाली गतिविधियों की एक श्रृंखला का हिस्सा होगा।


निशंक ने कहा कि हमें विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर रहने की जरूरत है। इसलिए ऐसी पहलों के माध्यम से तकनीकी शिक्षा को दुनिया भर में शीर्ष पर ले जाने के मार्ग को आसान बनाया गया है। इस प्रतिस्पर्धी युग में बेहतर सूझबूझ के लिए छात्रों को तैयार करने हेतु नए पाठ्यक्रमों का सृजन आवश्यक हो गया है। डिप्लोमा कोर्सों के लिए मॉडल पाठ्यक्रम इस दिशा में किया गया एक प्रयास है।


उन्होंने आगे कहा कि मार्गदर्शन और मार्गदर्शक के माध्यम से सुविधा जुटाना भी एक बहुत अच्छी पहल है, जिसमें शीर्ष संस्थान अन्य संस्थानों को सलाह देंगे ताकि वे अपनी रैंकिंग में सुधार करके परामर्श देने वाले संस्थानों की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का अनुसरण कर सकें। श्री निशंक ने कहा कि शिक्षक (मार्गदर्शक) अन्य संस्थानों का उनकी बेहतरी के लिए मार्गदर्शन करेंगे।


रमेश पोखरियाल ने कहा कि संकाय योजना के समस्त फीडबैक से शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी होगी। यह योजना छात्रों और शिक्षकों दोनों को ही प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इन योजनाओं को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया है और ये नए भारत के सृजन में योगदान देंगी।