शनिवार, 2 नवंबर 2019

स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व व विचारों से युवा पीढ़ी को परिचित कराना समय की मांग : राज्यपाल

संवाददाता: देहरादून उत्तराखंड 


      शुक्रवार को राजपुर रोड स्थित एक स्थानीय होटल के सभागार में स्वामी विवेकानंद शिला स्मारक कार्यक्रम में राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल मौर्य ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व व विचारों से युवा पीढ़ी को परिचित कराना समय की मांग है। वह भारत को धर्म, दर्शन, सन्यास और त्याग की पुण्यभूमि मानते थे। यह सौभाग्य की बात है कि देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वामी विवेकानन्द के कई साधना स्थल रहे हैं। विवेकानंद जी का अल्मोड़ा और हिमालय से विशेष लगाव था।



उन्होंने हिमालय को मानव चेतना को सर्वोच्च अवस्था तक पहुंचाने का सबसे बड़ा माध्यम माना। राज्यपाल मौर्य ने कहा कि शिक्षा के सम्बन्ध में भी स्वामी विवेकानन्द के विचार बड़े महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा था कि शिक्षा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाए व उनका चरित्र निर्माण करे। शिक्षा के द्वारा छात्र-छात्राओं में समाज सेवा व साहस की भावना उत्पन्न होनी चाहिए। स्वामी विवेकानन्द व्यावहारिक शिक्षा को उपयोगी मानते थे। उन्होंने समाज निर्माण के लिए शिक्षा को सदैव महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में देखा। शिक्षा के साथ-साथ स्वामी जी ने स्वास्थ्य पर विशेष बल दिया। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य और मजबूती को भी महत्वपूर्ण माना।


उनका मानना था कि मनुष्य के मन को एकाग्रता, ध्यान और नैतिक शुद्धता के अभ्यास से नियंत्रित किया जाना चाहिए। स्वामी विवेकानंद के लिए मानव की सेवा और ईश्वर की पूजा एक समान थे। इसी महान विचार को ध्यान में रखकर उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। राज्यपाल ने कहा कि यदि प्रत्येक भारतवासी स्वामी जी के सिद्वांतो एवं जीवन दर्शन का अनुसरण करे तो निश्चित रुप से हम एक शिक्षित, सुसंस्कृत, स्वस्थ और श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर पायेगें।


इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद शिला स्मारक की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बहन निवेदिता भिड़े ने कहा कि अगले वर्ष 2020 मे हम विवेकानंद शिला स्मारक की 50 वीं वर्षगंाठ मनायेंगे। सन 1892 में कन्याकुमारी के निकट स्थित इसी पवित्र शिला पर तीन दिन तक उन्होंने भारत वर्ष के समग्र कल्याण हेतु चिन्तन - मनन एवं ध्यान किया। इसी शिला पर उन्होंने माॅ भारती के दुखो के निवारण हेतु ईश्वर से प्रार्थना की और अपने लिये लक्ष्य निर्धारित किया।पूर्व सांसद तरूण विजय ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के विचार आज की युवा पीढ़ी के लिए भी प्रासंगिक व महत्वपूर्ण है। उन्होने भारत की एकता पर बल दिया तथा युवाओं को समाज सेवा व देश सेवा के लिए प्रेरित किया।


इस कार्यक्रम मनोजीत सिन्हा, स्वामी सुदर्शन महाराज व विद्यालयों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।