संवाददाता : नई दिल्ली
दिल्ली सरकार ने देश की राजधानी दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने और इलेक्ट्रिक वाहनों की राजधानी बनाने को लेकर एतिहासिक कदम उठाया है। दिल्ली कैबिनेट ने सोमवार को दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पाॅलिसी 2019 को पास कर दिया है। पाॅलिसी के तहत 2024 तक दिल्ली में पंजीकृत होने वाले वाहनों में से 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक होंगे। सरकार ने दो, तीन व चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदने पर सब्सिडी देने के साथ रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क भी माफ करने का फैसला लिया है। सरकार की योजना है कि हर तीन किलोमीटर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध हो। इसके लिए निजी क्षेत्रों को भी बड़े स्तर पर प्रोत्साहित किया जाएगा। बिल्डिंग बाॅयलाॅज में बदलाव कर पार्किंग स्थल पर कम से कम 20 प्रतिशत पार्किंग में चार्जिंग की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा सरकार ने खरीदी जाने वाली नई बसों में से 50 प्रतिशत ई-बसें खरीदने का भी लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली को इलेक्ट्रिक व्हीकल की राजधानी बनाना है।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण कम करने के लिए कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। दिल्ली की इलेक्ट्रिक व्हीकल पाॅलिसी को कैबिनेट ने पास कर दिया है। दिल्ली देश की राजधानी है। हमारा मकसद आने वाले दिनों में दिल्ली को इलेक्ट्रिक वाहनों की राजधानी भी बनाने का है। दिल्ली में प्रदूषण ज्यादा है। इसमें सबसे ज्यादा वाहनों से प्रदूषण होता है। 40 प्रतिशत पीएम-2.5 वाहनों की वजह से होता है। 80 प्रतिशत कार्बन मोना आॅक्साइड वाहनों की वजह से होता है। एक साल पहले नवंबर 2018 में इलेक्ट्रिक व्हीकल पाॅलिसी का डाॅफ्ट बनाया था और इसे पब्लिक डोमेन में डाला था। इस दौरान कई बार पाॅलिसी को लेकर चर्चा हुई। इस पर पब्लिक और विशेषज्ञों के साथ भी बात हुई है। कई विशेषज्ञ संस्थाओं ने अपना सुझाव भी दिया। इन सबके सुझाव पर विचार करके यह पाॅलिसी बनाई गई है। सरकार का मकसद है कि 2024 तक दिल्ली में जितने नए वाहन पंजीकृत होंगे, उसमें से कम से कम एक चौथाई (25 प्रतिशत) वाहन इलेक्ट्रिक होने चाहिए।
पाँलिसी के दो मकसद, वायु प्रदूषण को कम करना और बड़े स्तर पर नौकरी भी पैदा करना - अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा इस पाॅलिसी के दो मकसद हैं। एक यह कि वायु प्रदूषण को कम करना है और दूसरा, इससे बड़े स्तर पर नौकरी भी पैदा होगी। पाॅलिसी में सबसे ज्यादा दो पहिया, तीन पहिया, पब्लिक टांसपोर्ट व सामान ढोने वाले वाहनों को ज्यादा महत्व दिया गया है। इन वाहनों से ज्यादा प्रदूषण होता है। वर्तमान में इलेक्टिक दो पहिया वाहन .2 प्रतिशत से भी कम है और तीन पहिया वाहन की संख्या लगभग शून्य है।
एक साल में 35 हजार इलेक्ट्रिक वाहन और 250 चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली में एक साल में 35 हजार इलेक्टिक वाहन आ जाएंगे और करीब 250 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बना दिए जाएंगे। हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली में अगले पांच साल में पांच लाख इलेक्टिक वाहन पंजीकृत हो जाएंगे। यह इलेक्टिक वाहन अपने लाइफ टाइम में 6 हजार करोड़ रुपये का तेल और गैस की बचत करेंगे। 48 लाख टन कार्बन डाई आॅक्साइड उत्सर्जित होने से रोकेंगे। यह एक लाख पेट्रोल वाहन के बराबर होगा। नए ई वाहन 159 टन पीएम-2.5 को कम करेंगे। दिल्ली सरकार इलेक्टिक वाहनों को खरीदने पर सब्सिडी भी देगी। यह सब्सिडी बैटरी की किलो वाॅट पर दी जाएगी। यदि कोई दो पहिया वाहन कोई खरीदता है, तो उसे 5 हजार रुपये प्रति किलोवाॅट पर सब्सिडी मिलेगी। यदि दो किलोवाट की बैटरी है, तो 10 हजार या तीन किलोवाॅट की है तो उसे 15 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। यदि कोई नाॅन इलेक्टिक दो पहिया वाहन को स्क्रैप करके इलेक्टिक में शिफ्ट होता है, तो उसे 5 हजार रुपये तक की स्क्रैपिंग प्रोत्साहन राशि मिलेगी। ओला या उबर जैसे सवारी सेवा प्रदाता यदि इलेक्ट्रिक दो पहिया टैक्सी शुरू करते हैं, तो उनके लिए स्पेशल प्रावधान किया गया है।
हर तीन किलोमीटर पर होगा चार्जिंग स्टेशन - अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि इसके लिए बड़े स्तर पर प्राइवेट चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। बिल्डिंग बाॅयलाॅज में बदलाव किया जाएगा। जितनी भी नई पार्किंग की जगह बनेंगी, उसमें कम से कम 20 प्रतिशत पार्किंग पर इलेक्टिक वाहनों को चार्ज करने की सुविधा होगी। घरों व कार्य स्थल पर कोई भी इलेक्टिक चार्जिंग लगवाना चाहे, तो वह डिस्काॅम के जरिए लगवा सकता है। इसके लिए विशेष प्रावधान व मैकेनिज्म विकसित किया गया है। पब्लिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जाएगा। सरकार का मकसद है कि जल्द से जल्द से इतने बड़े स्तर पर पब्लिक इंफ्रास्टक्चर बनाया जाए कि हर तीन किलोमीटर पर इलेक्टिक वाहनों को चार्जिग की सुविधा मिल सके। इसके लिए डेडिकेटेड ईवी सेल बनाया जा रहा है। इसकी फंडिंग पल्यूशन सेस, रोड टैक्स, इनवायरमेंट कंपलसेशन चार्ज के जरिए की जाएगी। एक अलग से ईवी स्टेट बनाया जाएगा। जिसके जरिए इसकी फंडिंग की जाएगी। एक स्टेट ईवी बोर्ड बनाया जाएगा, जो पूरी दिल्ली के अंदर इलेक्टिक व्हीलक पाॅलिसी को लागू कराएगा और उसकी निगरानी करेगा।
ई-ऑटो के लिए परमिट की लिमिट नहीं
ई-ऑटो के लिए अब ओपर परमिट सिस्टम लागू होगा। ऑटो परमिट का पुराना सिस्टम बदला जाएगा। अभी जारी होने वाले परमिट की संख्या तय होती है, लेकिन ई-ऑटो के लिए ऐसी लिमिट नहीं होगी। लाइसेंस और बैज होने पर ई-ऑटो खरीदकर दिल्ली में चला सकेंगे। इसके लिए 30000 रुपये तक की सब्सिडी और सस्ती दरों पर लोन भी मिलेगा। दिल्ली फाइनैंस कॉरपोरेशन से ई-ऑटो के लिए 5 पर्सेंट कम पर लोन दिलवाया जाएगा। ई-रिक्शा के लिए 30 हजार तक की सब्सिडी दी जाएगी।
रजिस्ट्रेशन, रोड टैक्स से 100% छूट
पॉलिसी के मसौदे में एक बड़ा प्रावधान यह है कि ई-ऑटो, इलेक्ट्रिक मालवाहक गाड़ी समेत सभी श्रेणी के इलेक्ट्रिक वीकल्स की खरीद पर रजिस्ट्रेशन फीस, रोड टैक्स पर 100 पर्सेंट माफ होगी।
डीटीसी के सभी कर्मचारियों को मिलेगा 4 हजार रुपये प्रतिमाह यात्रा भत्ता: मुख्यमंत्री
डीटीसी के सभी कर्मचारियों को सरकार ने नए साल से पहले यात्रा भत्ता का तोहफा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डीटीसी के जितने भी नियमित कर्मचारी हैं, उनको अभी तक यात्रा भत्ता नहीं मिलता था, लेकिन उन्हें अब 4 हजार रुपये प्रति माह का यात्रा भत्ता मिलेगा।