संवाददाता : नई दिल्ली
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद् की 38वीं बैठक नई दिल्ली में हुई। बैठक में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में राजस्व, जीएसटी दर संरचना और राज्यों की क्षतिपूर्ति आवश्यकताओं के संबंध में एक प्रस्तुति दी गई। प्रस्तुति के पहले राजस्व वृद्धि पर मंत्री-समूह के संयोजक एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजस्व की स्थिति और भविष्य की कार्य योजना के बारे में जानकारी दी। यह प्रस्तुति, राजस्व वृद्धि पर केंद्र और राज्य अधिकारियों की समिति के विचार-विमर्श पर आधारित थी। जीएसटी की शुरूआत से राजस्व प्रवृत्तियों को निम्न ग्राफ के जरिए दिखाया गया है:-
प्रस्तुति के बाद रचनात्मक परिचर्चा हुई। इस परिचर्चा में टैक्स आधार बढ़ाने, रिटर्न फाइलिंग को बेहतर बनाने के उपाय, कर संग्रह, दर को युक्तिसंगत बनाना और स्वैच्छिक रूप से टैक्स के नियमों को मानने के लिए प्रोत्साहन के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। नई रिटर्न प्रणाली, बिल पर क्यूआर कोड, ई-इनवॉयस आदि विषयों पर भी चर्चा हुई। कर प्रशासन के सर्वोत्तम अभ्यासों पर अनुभवों के आदान-प्रदान के तहत उत्तर प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने जीएसटी संग्रह बढ़ाने के प्रयासों पर प्रस्तुतियां दी।
जीएसटी परिषद् राजस्व जरूरतों के संबंध में छूट के प्रभाव का विश्लेषण, टैक्स आधार विश्लेषण और अनुपालन के उपायों पर अतिरिक्त विश्लेषण के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करता है। परिषद् ने आईटी और अन्य पहलों के तेजी से कार्यान्वयन के लिए निर्देश दिए।