बुधवार, 25 मार्च 2020

कोविड-19 के विरुद्ध सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग देने की अपील की...

संवाददाता : नई दिल्ली


      उपराष्ट्रपति, एम वेंकैया नायडू ने देशवासियों को उगादि, गुड़ी पड़वा, चैत्र शुक्लादि, साजीबू चेराओबा, नवरेह और चेतीतंड की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएं दीं, जो कि नव वर्ष की शुरूआत का प्रतीक रूप में भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से जीवन में स्वच्छ तरीका अपनाने और कोरोनावायरस से मुकाबला करने में सरकार का सहयोग देने का आह्वान किया।


नायडू ने भारत देश की 'योगदान और देखभाल' वाले प्राचीन मूल्यों का जिक्र करते हुए आशा व्यक्त किया कि सभी लोगों द्वारा पीड़ित और कठिनाई में जी रहे लोगों के कष्ट में कमी लाने के लिए जो कुछ भी किया जा सकता है उसे वो करेंगे, जिनकी उन्हें आवश्यकता है।



संदेश का पूरा पाठ निम्नलिखित है –


‘मैं उगादि, गुड़ी पड़वा, चैत्र शुक्लादि, साजीबू चेराओबा, नवरेह तथा चेटीचंड के शुभ अवसर पर देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।


ये त्योहार पूरे देश में बहुत उत्साह के साथ मनाए जाते हैं, जो कि बसंत के आगमन और नए साल की शुरुआत का संदेश देते हैं। यह एक खुशी का त्योहार है जो कि विकास और समृद्धि को दर्शाता है।


जैसा कि हम आनंदित होते हैं और उम्मीद करते हैं कि ये त्योहार हमारे जीवन में बेहतर स्वास्थ्य और अधिक खुशियां लेकर आएं, हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि हम वर्तमान समय में एक अभूतपूर्व वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती का सामना कर रहे हैं। सुरक्षित रहने के लिए हमें पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे इन त्योहारों को अपने घरों में ही मनाएं और बड़ी सभाओं में जाने और करने से बचें। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में, हमें हमारी सरकार और हमारे स्वास्थ्य पेशेवरों को अपना संपूर्ण और बिना शर्त समर्थन देना चाहिए। हमें जीवन में स्वच्छ तरीकों को अपनाना चाहिए। अगर हम सामाजिक दूरी को बनाए रखते हैं और चिकित्सा सलाह का पालन करते हैं , तो हम निश्चित रूप से निकट भविष्य में इस घातक वायरस के खिलाफ अपनी सामूहिक लड़ाई में जीत हासिल कर सकते हैं।


योगदान और देखभाल भारतीय दर्शन का सार रहा है। आज जब देश में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए अधिकांश भागों को लॉकडाउन किया जा रहा है,  तो मुझे उम्मीद है कि हम में से सभी लोगों द्वारा पीड़ित और कठिनाई में जी रहे लोगों के कष्ट में कमी लाने के लिए जो कुछ भी किया जा सकता है हम वो करेंगे, जिनकी उन्हें आवश्यकता है।


जैसा कि यह नई शुरुआत और नई उम्मीद का समय है, आइए हम सब सकारात्मक और रचनात्मक बनें और इस देश और दुनिया के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करें। इन त्योहारों से हमारे जीवन में स्वास्थ्य, शांति, सद्भाव, समृद्धि और खुशियाँ आती हैं।”