मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

बच्चों को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें : राज्यपाल

संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़


       राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा प्रणाली में काफी परिवर्तन आया है। पालकों द्वारा बच्चों पर अच्छे नंबर लाने का दबाव बना रहता है। पहले की अपेक्षा आज के बच्चे सामान्य रूप अच्छे अंक प्राप्त भी कर रहे हैं, मगर किसी भी हाल में प्रतिस्पर्धा के दबाव में बच्चों का बचपन मत खोने दीजिए। उन्हें खेलने दीजिए और जीवन का आनंद लेने दीजिए। उन्होंने कहा कि कम नंबर आने पर उन्हें निराश न होने दें, बल्कि उन्हें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कीजिए। राज्यपाल ने यह विचार आज कांगेर वैली अकादमी रायपुर के वार्षिक उत्सव में व्यक्त किए। इस अवसर पर राज्यपाल ने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए विज्ञान के विभिन्न मॉडल का अवलोकन किया और सराहना की। 



उइके ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धा के युग में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार का भी बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यदि बच्चे संस्कारी होंगे तो समाज अपने आप संस्कारवान हो जाएगा और समाज में आये दिन घटने वाली अपराधिक घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। बच्चे अपने जीवन में हमेशा अच्छा करने का प्रयास करें और उत्कृष्टता प्राप्त करने की दिशा में सदैव प्रयत्नशील रहें। बच्चे अपने जीवन में पढ़ाई के साथ नम्रता, सहजता और संस्कार भी सीखें। ज्ञान, नवाचार एवं जिज्ञासा को अपनाएं, यह सफलता की महत्वपूर्ण कड़ी है। 


राज्यपाल ने कहा कि मानव जीवन में विद्यार्थी जीवन का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। विद्यार्थी जीवन बहुत ही कीमती और यादगार क्षण होते हैं। बचपन में सीखे गये अच्छी शिक्षा एवं संस्कार जीवन पर्यन्त काम आते हैं। शिक्षा का अर्थ केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना है। उन्होंने कहा कि हर बच्चे में कोई न कोई प्रतिभा छिपी होती है। कुछ बच्चे पढ़ाई में बेहतर होते हैं तो कुछ बच्चे गीत-संगीत, खेल एवं अन्य गतिविधियों में। आवश्यकता इस बात की है कि उनमें निहित संभावनाओं एवं हुनर को पहचान कर उन्हें सामने लाने की।


उन्होंने कहा कि बच्चों को देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए यह जरूरी है कि उनका बौद्धिक एवं नैतिक आधार मजबूत हो। बच्चों का तन, मन एवं आत्मा सशक्त हो, तो वे हर तरह के दबाव एवं चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और सफलता हासिल कर सकते हैं। अभिभावकों एवं शिक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि बच्चों में अनुशासन, ईमानदारी, राष्ट्र के प्रति भक्ति जैसे नैतिक मूल्यों को रोपित करें और उन्हें देश का एक संवेदनशील नागरिक बनाएं।


राज्यपाल ने कांगेर वैली अकादमी के शिक्षण पद्धति की सराहना करते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुती दी। 


इस अवसर पर स्कूल के चेयरमेन स्वरूप चंद जैन ने पुराने दिनों की याद साझा करते हुए बताया कि वे राज्यपाल उइके के साथ विधानसभा में निर्वाचित हुए थे। साथ में विधायक की जिम्मेदारियों का निर्वहन किया था। इस अवसर पर शैलेन्द्र जैन, संजय जैन, यू.एल. मोहंती, प्राचार्या अंजलि मूले तथा शिक्षकगण, विद्यार्थी और उनके पालकगण उपस्थित थे।