शनिवार, 28 दिसंबर 2019

दिल्ली के गरीबों के खिलाफ सारी बड़ी ताकतें, मेरे रहते किसी गरीब के साथ अन्याय नहीं होगा : अरविंद केजरीवाल

संवाददाता : नई दिल्ली


      दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवायल में टाउन वेडिंग कमेटी के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने रेहड़ी-पटरी वालों का सर्वे काम तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तीनों नगर निगम जल्द से जल्द रेहड़ी-पटरी वालों का सर्वे प्रारंभ करें। सर्वे पर आने वाल खर्च को दिल्ली सरकार देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा सर्वे में सौ समस्याएं आएगी। उसमें  किसी का नाम नहीं आएगा, किसी को और भी समस्या आएगी, लेकिन उससे किसी को घबराने की जरूरत नहीं है, उसका समाधान मैं करूंगा। एक आदमी के साथ भी अन्याय नहीं होने दूंगा। गरीबों के खिलाफ सारी बड़ी ताकतें हैं लेकिन मेरे रहते किसी गरीब के साथ अन्याय नहीं होगा। 

मुख्यंमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि अब जल्द यह सर्वे का काम शुरू हो जाएगा। हमने इसके लिए बहुत संघर्ष किया है। विरोधियों का बहुत ज्यादा विरोध था। आज देश में इतनी ज्यादा बेरोजगारी फैली हुई है। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि चार लोगों को रोजगार दे। अगर सरकार रोजगार छीन ले तो यह उसका बड़प्पन नहीं है। एक तरफ बेरोजगारी फैली है और दूसरी तरफ दिल्ली में कभी सीलिंग हो गई। कभी रेहड़ी-पटरी वालों को हटा दिया। विदेशों में रेहड़ी-पटरी वालों को प्रोत्साहन दिया जाता है। इससे तुरंत लोगों को रोजगार मिलता है। वहां पर उन्हें एक कानूनी जामा दिया जाता है। वहीं, अपने यहां रेहड़ी पटरी वालों को अतिक्रमणकारी माना जाता है। कहा जाता है कि यातायात बाधित करते हैं और गंदगी फैलाते हैं। कही पर भी अतिक्रमण करके बैठ जाते हैं।




सर्वे में यह ली जाएगी जानकारी

- दिल्ली में किस क्षेत्र में कितने रेहड़ी पटरी संचालक हैं।
- सभी रेहड़ी पटरी संचालक की विस्तृत जानकारी
- वह किस तरह के दुकान का संचालन कर रहे हैं।
- दुकान पर कितने लोग आते हैं।
- किस क्षेत्र में कितने दुकानों की आवश्यकता है।
- किन जगहों पर रेहड़ी पटरी का संचालन होना चाहिए।

इंटरनेशनल मानक के खोंखे देने की योजना

दिल्ली सरकार की योजना है कि पूरी दिल्ली में रेहड़ी पटरी संचालकों को इंटरनेशनल मानक का खोखा दिया जाए। जिसमें सोलर लाइट की व्यवस्था होगी। कूड़ेदान की व्यवस्था होगी। उनका डिजाइन एक जैसा होगा। जिससे वह देखने में भी काफी खुबसूरत लगें।

दिल्ली की लाइफ लाइन हैं रेहड़ी पटरी

किसी भी बड़े शहर में आज रेहड़ी पटरी लाइफ लाइन हो गई हैं । साथ ही यह शहर के विकास और रोजगार देने का बड़ा साधन बनकर उभरे हैं। हांगकांग जैसे दुनिया के बड़े शहरों में भी स्ट्रीट वेंडर्स हैं। वह विकास में बड़ा योगदान दे रहे हैं। साथ ही शहर की लाइफ लाइन बने हैं। दिल्ली में भी ऐसा ही है। यहां के लोगों की दैनिक आवश्यकता पूरी करने के साथ रेहड़ी पटरियों से लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। आलम यह है कि एक दिन के लिए भी रेहड़ी पटरी को हटा दिया जाए तो सब्जी से लेकर कई जरूरी सामना घर में आने बंद हो जाएंगे। एक तरह से सामान्य जन-जीवन ठप हो जाएगा। बहुत से जरूरी सामान के लिए लोगों को भटकना पड़ेगा।

पहले की किसी अन्य सरकार ने नहीं किया रेहड़ी पटरी संचालकों के लिए काम

रेहड़ी पटरी को व्यवस्थित करने और उन्हें सम्मान दिलाने के लिए दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से पहले किसी सरकार ने काम नहीं किया। इसी कारण उन्हें अपमान और शोषण का शिकार होना पड़ा। पुलिस की प्रताणना झेलकर भी रेहड़ी पटरी संचालकों ने दिल्ली के लिए जरूरी सामान की सप्लाई चेन को बनाए रखा। रेहड़ी पटरी संचालकों की छवि खराब की गई । इन्हें जाम का कारण और गंदगी फैलाने वाला बताया गया। इसी कारण इन्हें सम्मान दिलाने और पूरे सिस्टम को व्यवस्थित करने की दिशा में अरविंद केजरीवाल सरकार ने क्रांतिकारी कार्य किया। स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत टाउन वेंडिंग कमेटी बनाई गई। अब रेहड़ी पटरी वालों को सम्मान मिलेगा। उनसे उगाही नहीं हो पाएगी। पुलिस या नगर निगम उनका सामान जब्त नहीं कर पाएंगे। उनका सामान नहीं फेक पाएंगे। रेहड़ी पटरी वालों की कोई पिटाई नहीं कर पाएगा।




दिल्ली पहला राज्य जिसने रेहड़ी पटरी संचालकों को दिया सम्मान

पूरे देश में दिल्ली पहला राज्य है, जिसने रेहड़ी पटरी संचालकों के सम्मान के विषय में सोचा और कानूनी रुप दिया। अभी तक यह व्यवस्था हांगकांग समेत दुनिया के कुछ बड़े शहरों में थी।

काफी मशक्कत के बाद मिली केजरीवाल सरकार को सफलता

स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत टाउन वेंडिंग कमेटी बनाने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार लगातार प्रयास कर रही थी। पिछले दो-तीन साल से सरकारी स्तर पर प्रयास काफी तेज हुए लेकिन हर बार राह रोकने का प्रयास हुआ। टाउन वेंडिंग कमेटी को बनने से रोकने के लिए हर तरह के प्रयास हर स्तर पर हुए। मामला कोर्ट में भी ले जाया गया। जिसबे सरकार का काम रोका गया। लेकिन अरविंद केजरीवाल की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण आखिरकार दिल्ली सरकार को सफलता मिली।