रविवार, 1 दिसंबर 2019

हमें केंद्र सरकार से आदेश मिले, हम 15 दिन में सबके हाथ में रजिस्ट्री दे देंगे : अरविंद केजरीवाल

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


      लोगों को कानून नहीं रजिस्ट्री चाहिए। प्रक्रिया प्रारंभ पर किसी को भरोसा नहीं है। लोगों के हाथ में जब तक रजिस्ट्री नहीं आ जाए, किसी पर भरोसा नहीं है। मुझे सुनने में आ रहा है। नेताओं की रामलीला मैदान में रैली होगी। जहां सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर फोटो खिचवाया जाएगा। मेरा कहना है सिर्फ सौ लोगों को रजिस्ट्री क्यों पूरी दिल्ली को रजिस्ट्री क्यों नहीं। बाकि लोगों को कहा जा रहा चुनाव बाद रजिस्ट्री देंगे। यह तो पहले भी होता रहा है। चुनाव से पहले लोगों को रजिस्ट्री का वादा किया जाता था, फिर चुनाव बाद अगले चुनाव में आने को कह दिया जाता था। अब इस प्रक्रिया से दिल्ली की जनता उब गई है। अब उसके हाथ में रजिस्ट्री चाहिए, यह कहना है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। उन्होंने कहा दिल्ली सरकार की सारी प्रक्रिया पूरी है, हमें केंद्र सरकार से आदेश मिले, हम 15 दिन में सबके हाथ में रजिस्ट्री दे देंगे।




अनधिकृत कालोनियों को पक्का करने की प्रक्रिया 6 माह पहले क्यों शुरू नहीं हुई, नियत में खोट - अरविंद केजरीवाल

दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों को पक्का करने का बिल लोकसभा में पास होने के सवाल पर वह मीडिया के सामने अपना पक्ष रख रहे थें। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने नवंबर 2015 में ही अनधिकृत कालोनियों को पक्का करने की सारी प्रक्रिया पूरी कर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया। केंद्र सरकार चार साल उसे दबाए बैठी रही। अब चुनाव नजदीक आता देख प्रक्रिया प्रारंभ किया गया है। यह काम तो 6 माह पहले भी प्रारंभ हो सकता था। इससे साफ है कि अनधिकृत कालोनियों के मसले पर नियत साफ नहीं थी।

सिर्फ सौ लोगों को नहीं, पूरी दिल्ली को मिलनी चाहिए रजिस्ट्री - सीएम केजरीवाल

 दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कच्ची कालोनियों पर राजनीति नहीं रजिस्ट्री चाहिए। उन्होंने कहा विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ सौ लोगों को रजिस्ट्री देना पूरी तरह से धोखा और दिखावा है। मेरी फिर से केंद्र सरकार से अपील है, दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वाले हर व्यक्ति के हाथ में रजिस्ट्री दी जाए। इसपर सिर्फ राजनीति न हो। सीएम ने कहा विधानसभा चुनाव नजदीक देख भाजपा भी कच्ची कालोनियों में गई। जहां लोगों ने आम आदमी पार्टी के काम गिनाने शुरू कर दिए। इसके बाद केंद्र सरकार कच्ची कालोनियों को पक्का करने का बिल संसद में पेश करने को मजबूर हो गई। लेकिन अब फिर से जनता के साथ धोखा करने की तैयारी है। सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर अन्य लोगों को चुनाव बाद रजिस्ट्री देने की बात हो रही है। यह काम तो कई दशकों से हो रहा है। चुनाव में रजिस्ट्री देने का वादा होता है।

पांच साल किसी को नहीं आई कच्ची कालोनियों की याद - सीएम केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि  पांच साल पहले कच्ची कालोनियों का हाल बेहाल था। मैं 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान कच्ची कालोनियों में जाता था तो वहां रह रहे लोगों की परेशानी से रू ब रू होता था। मैंने तभी लोगों से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद कच्ची कालोनियों को नरकीय जीवन से बाहर निकाला जाएगा। पिछले पांच साल में कच्ची कालोनियों का कायापल्ट हुआ है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने के बाद कच्ची कालोनियों को पक्का करने और विकास के लिए काम तेज हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा, अब एक दो माह से सुन रहा हूं कालोनियों को पक्का कराएंगे। मैं पूछता हूं, पांच साल में क्यों नहीं कराए। मैं पांच साल नाली, सड़क बनवा रहा था तब कहां थी केंद्र सरकार। पांच साल पहले केंद्र सरकार कहां थी, अब दो माह से कच्ची कालोनियां याद आ रही है। हमने कच्ची कालोनी में इतना काम हुआ कि भाजपा वोट मांगने लायक नहीं । इसी कारण उन्हे कच्ची कालोनियों की याद आ रहा है। सीएम ने कहा हम जब कच्ची कालोनियों म़े खड़े होकर पानी सीवर का पाइप डलवा रहे थें, नाली और सड़के बनवा रहे थे, तब भाजपा कहां थी? दिल्ली की तो छोटी सरकार है, केंद्र सरकार तो बहुत बड़ी है, उसने क्यों नहीं काम किया। जब अरविंद केजरीवाल ने पांच साल में काम कराकर इन कालोनियों को बदला तो उन्हें इन कालोनियों की याद आ गई  है।

आम आदमी पार्टी के दबाव में लोकसभा में  लाए बिल -  अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने कहा हमने कच्ची को पक्का करने का दिल्ली में सरकार बनते ही प्रस्ताव भेजा। चार साल केंद्री सरकार सोती रही। हमने कई पत्र लिखे, खुब दबाव बनाया। शीतकालीन सत्र में कच्ची कालोनियों का बिल लाने की तैयारी नहीं थी। लोकसभा में पेश होने वाले बिल की सूची में कच्ची कालोनियों का बिल नहीं था। जिसकी जानकारी के बाद आम आदमी पार्टी के सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। फिर उसी दिन शीतकालीन सत्र में बिल लाने  का निर्णय हुआ। हमने सेटलाइट मैप 2015 में भेजा। उसे मानने से मना कर दिया। रजिस्ट्री न करानी पड़े इसके लिए फिजिकल पैमाइश मांगे। अब केंद्र सराकर हमारी सेटलाइट पर ही रजिस्ट्री की बात कर रही है। सीएम ने कहा कि अगर यही करना था तो चार साल की देरी क्यों हुई। भाजपा भी कांग्रेस की राह पर चल रही है। कांग्रेस ने 2008 के चुनाव से ठीक पहले इसी तरह से प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटे थें। भाजपा सौ लोगों की रजिस्ट्री कराकर जनता के आंखों में धूल झोकने का काम करने जा रही है। इससे साफ है कि भाजपा की नियत खराब है। यह सिर्फ चुनावी दाव है। भाजपा लोगों की रजिस्ट्री कराना नहीं चाहती। वह लोगों को सिर्फ बेवकूफ बनाने में लगी है।