रविवार, 22 दिसंबर 2019

जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों के लिए आर्थिक प्रबंध के अपवाद के साथ सीओपी 25 का परिणाम संतुलित : प्रकाश जावड़ेकर

संवाददाता : नई दिल्ली 


      संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) के सर्वोच्‍च निकाय कान्‍फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी 25) का 25वां सत्र 02 से 15 दिसंबर 2018 तक मैड्रिड, स्पेन में चिली की अध्‍यक्षता में आयोजित किया गया। सम्मेलन के 13 दिसंबर को समाप्त होने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन विशेष रूप से पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 और जलवायु परिवर्तन प्रभावों से जुड़े नुकसान और घाटे तथा जलवायु आर्थिक प्रबंध से जुड़े मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए इसे 15 दिसंबर 2019 तक बढ़ा दिया गया।


नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों के लिए आर्थिक प्रबंध के मुद्दे को छोड़कर, कुल मिलाकर भारत सीओपी25 के परिणाम को संतुलित परिणाम मानता है जो सभी पक्षों, विशेष रूप से विकासशील देशों की चिंताओं को दूर करता है और यूनएनएफसीसीसी  और उसके पेरिस समझौते के सफल कार्यान्वयन के लिए आधारभूत इकाई प्रदान करता है।



जावड़ेकर ने कहा, "भारत निष्‍पक्ष और सार्वजनिक लेकिन अलग करने वाली जिम्मेदारियों तथा संबद्ध क्षमताओं (सीबीडीआर-आरसी); यूएनएफसीसीसी और पेरिस समझौते के तहत अपने दायित्वों के अनुसार विकसित देशों से विकासशील देशों को जलवायु आर्थिक प्रबंध, किफायती दरों पर प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण और क्षमता निर्माण सहायता सहित कार्यान्‍वयन के उन्‍नत तरीकों की आवश्‍यकताओं के सिद्धांतों पर विचार करने सहित प्रमुख हितों की रक्षा करते हुए बातचीत में रचनात्मक रूप से संलग्न है।


चिली मैड्रिड टाइम फॉर एक्शन शीर्षक से सीओपी 25 का फैसला, निरंतर जारी उन चुनौतियों पर जोर देता है, जिनका सामना विकासशील देशों को वित्तीय, प्रौद्योगिकी और क्षमता-निर्माण सहायता तक पहुंचने में करना पड़ता है और इसने विकासशील देश पार्टियों को सहायता का प्रावधान को बढ़ाने की आवश्यकता को स्‍वीकार किया है ताकि संयोजन और कमी के प्रयासों को मजबूत किया जा सके।


निर्णय के दौरान विकासशील देश पार्टियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2020 तक प्रति वर्ष संयुक्त रूप से 100 बिलियन अमरीकी डालर जुटाने के लक्ष्य के लिए विकसित देश पार्टियों द्वारा की गई प्रतिबद्धता को भी याद करता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक महत्वाकांक्षा के मुद्दे पर, अपनाया गया निर्णय महत्वाकांक्षा का संतुलित और एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें न केवल जलवायु परिवर्तन के शमन के प्रयास शामिल हैं, बल्कि विकसित देश पार्टियों से विकासशील देश दलों को अनुकूलन समर्थन के कार्यान्वयन के साधन भी शामिल हैं।