संवाददाता : जयपुर राजस्थान
कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा है कि कला और साहित्य के क्षेत्र में सृजन मां सरस्वती की कृपा से होता है। कलाकार और सृजक जब मां सरस्वती की आराधना कर अपने कार्य को आरम्भ करते है तो उनके कार्य में गहनता आती है और उनको नई पहचान मिलती है।
डॉ. कल्ला ने गुरूवार को जयपुर के जवाहर कला केन्द्र के शिल्प ग्राम में पारंपरिक कलाओं के उत्सव ''आर्ट फिएस्टा''के पांच दिवसीय तीसरे संस्करण का शुभारम्भ करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यह बात कहीं। उन्होंने समारोह में समिति की ओर से दिये जाने वाले लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी प्रदान किए। डॉ. कल्ला ने प्रदर्शित स्टॉल्स की विजीट की, वहां सजाई गई बहुरंगी कलाओं को रूचि के साथ देखा और कलाकारों की पीथथपाते हुए उनको बधाई दी।
डॉ. कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार लोककलाओं, कलाकारों और कला संस्कृति की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए सदैव तत्पर है। गत एक साल में जवाहर कला केन्द्र को सांस्कृतिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में फिर से नई पहचान मिली है,इससे पहले यह व्यवसायिक गतिविधियों का केन्द्र बनकर रह गया था। उन्होंने कहा कि कला और साहित्य के बिना मनुष्य जीवन अधूरा होता है। हमारे देश और प्रदेश में कला और साहित्य की सुदीर्घ परम्परा है। यहां के लोग इन क्षेत्रों में गहरी रूचि रखते है और इनको प्रमोट करने के लिए सदैव तत्पर रहते है।
''आर्ट फिएस्टा'' का आयोजन दिल्ली की ट्रेडिशनल आर्ट प्रमोशनल सोसाइटी और द आर्ट बॉस की ओर से किया जा रहा है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों की पारंपरिक और समकालीन कलाओं को दर्शाती कलाकृतियां प्रदर्शित की गई है।
कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. कल्ला ने समारोह समिति की ओर से दिया जाने वाला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड देश और दुनिया में अपनी कला का लोहा मना चुके मूर्तिकार राम वी. सुतार, नेशनल अवॉर्डी मिनिएचर आर्टिस्ट स्वर्गीय वेदपाल शर्मा उर्फ बनु जी (मरणोपरांत), मुंबई के वरिष्ठ ट्रेडिशनल आर्टिस्ट पृथ्वी सोनी और मॉडर्न आर्टिस्ट संगीता गुप्ता को प्रदान किए।