मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

मत्‍स्‍य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष के तहत प्रथम त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर...

संवाददाता : नई दिल्ली 


      मत्‍स्‍य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष पर अमल के लिए भारत सरकार के मत्‍स्‍य पालन विभाग, नाबार्ड और तमिलनाडु सरकार के बीच प्रथम त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्‍ताक्षर किये गये। इस अवसर पर केन्‍द्रीय मत्‍स्‍य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने इस अवसर पर कहा कि मत्‍स्‍य पालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचागत जरूरतों की पूर्ति के लिए 'मत्‍स्‍य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष' के नाम से एक विशेष कोष सृजित किया गया है, जिसमें कुल मिलाकर 7522.48 करोड़ रुपये है।



उन्‍होंने तटीय राज्‍यों से गहरे समुद्र में मत्‍स्‍य पालन, मछली पकड़ने के बाद की व्‍यवस्‍था करने और निर्यात संवर्धन पर विशेष ध्‍यान देने का अनुरोध किया। मत्‍स्‍य पालन से जुड़ी चिन्ह्ति अवसंरचना के विकास के लिए पात्र निकायों, सहकारी समितियों, लोगों और उद्यमियों को एफआईडीएफ से रियायती वित्‍त मुहैया कराया जाता है। राष्‍ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्‍ट्रीय सहकारी विकास निगम और सभी अनुसूचित बैंक दरअसल एफआईडीएफ से रियायती वित्‍त मुहैया कराने वाले प्रमुख ऋण प्रदाता निकाय हैं।


मत्‍स्‍य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय का मत्‍स्‍य पालन विभाग एफआईडीएफ के तहत एनएलई की ओर से रियायती वित्‍त मुहैया कराने के लिए 3 प्रतिशत तक की वार्षिक ब्‍याज सब्सिडी मुहैया कराता है। हालांकि, यह ब्‍याज दर 5 प्रतिशत वार्षिक से कम नहीं होनी चाहिए।


एक प्रमुख ऋणदाता निकाय के रूप में नाबार्ड त्रिपक्षीय एमओए पर अमल के बाद एफआईडीएफ के तहत राज्‍य सरकारों/राज्‍यों के निकायों के जरिये मत्‍स्‍य पालन से जुड़ी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए रियायती वित्‍त मुहैया कराता है। विभिन्‍न राज्‍य सरकारों एवं अन्‍य पात्र निकायों (ईई) से प्राप्‍त 1715.04 करोड़ रुपये के प्रस्‍तावों की सिफारिश अब तक एफआईडीएफ के तहत विचार करने के लिए विभाग में गठित केन्‍द्रीय अनुमोदन एवं निगरानी समिति द्वारा की गई है। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में मत्‍स्‍य पालन हार्बरों के विकास के लिए इन राज्‍यों की सरकारों से प्राप्‍त परियोजना प्रस्‍ताव इन अनुशंसित परियोजनाओं में प्रमुख हैं।


भारत सरकार के मत्‍स्‍य पालन विभाग में सचिव रजनी सेखरी सिबल, नाबार्ड के चेयरमैन डॉ. हर्ष कुमार भानवाला, संयुक्‍त सचिव (मत्‍स्‍य पालन) डॉ. जे.बालाजी, संयुक्‍त सचिव (मत्‍स्‍य पालन) सागर मेहरा, विभिन्‍न राज्‍यों में मत्‍स्‍य पालन के प्रभारी प्रधान सचिव एवं सचिव और मत्‍स्‍य पालन विभाग के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।