शनिवार, 28 दिसंबर 2019

पशुधन संरक्षण और संवर्धन के लिये समर्पित है राज्य सरकार...

संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश


      मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी सफलतम एक वर्ष की यात्रा में जो कहा, सो किया। सरकार ने इस एक साल में केवल जनता के लिये ही नहीं अपितु पशुधन संवर्धन के लिए भी जो वायदे किये, उनमें से कुछ पूरे हुए तो कुछ क्रियान्वयन के अंतिम चरण में दिखाई दे रहे हैं।



मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना शुरू


पशुपालन विभाग के माध्यम से सरकार ने आम जनता की संवेदना को समझते हुए गौ-माता के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना प्रारंभ की है। गौ-शाला निर्माण के लिए शासन द्वारा 27 लाख 60 हजार रुपये का प्रावधान रखा गया है। गौ-शालाओं का निर्माण कार्य निरंतर जारी है। लगभग एक हजार गौ-शालाओं में से 400 गौ-शालाओं का निर्माण इसी माह पूर्ण हो जाएगा।


गौ-वंश संरक्षण में जन-सहयोग के लिये पोर्टल स्थापित


गौ-वंश को गौ-माता मानने वाली मध्यप्रदेश की जनता को गौ-वंश संरक्षण के कार्य से जोड़ने के लिए www. gopalanboard.mp.gov.in पोर्टल प्रारंभ किया गया है। शासन द्वारा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय मिल्क क्वालिटी कंट्रोल लैब की स्थापना की गई है। इसी के साथ, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर, ग्वालियर एवं रीवा में वेक्सीन कोल्ड चेन के सुदृढ़ीकरण की योजना को मूर्त रूप दिया गया है। दूध से बनाए जाने वाले उत्पादों के लिये ऑटोमेटिक दही और पनीर संयंत्र की स्थापना की गई है।


गौ-शाला एवं गौ-अभ्यारण्य में गोबर, कंडा, खाद एवं मूत्र का व्यवसायिक स्तर पर उत्पादन करवाने की योजना है, जिससे गौ-पालक इन उत्पादों से अधिक से अधिक लाभान्वित हो सकें। राज्य सरकार ने गौ-काष्ठ एवं गमलों के लिए एक लाख रूपये प्रति गौ-शाला की राशि स्वीकृत की है।


मुख्य मार्गों पर गौ-वंश के संरक्षण एवं देखभाल के लिए अस्थायी शिविर की व्यवस्था कर दुर्घटना में घायल पशुओं के उपचार और मृत गायों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में विभिन्न राजमार्गों पर ट्रामा सेन्टर की स्थापना से संबंधित परियोजना के लिए भारत सरकार को प्रतिवेदन भेजा जा रहा है।


गाय की देश नस्लों का संरक्षण और सुधार


राज्य सरकार ने तय किया है कि देशी नस्ल की गाय जैसे निमाड़ी, मालवी, गिर, साहीवाल, थारपारकर, हरियाणा आदि का संरक्षण एवं नस्ल सुधार किया जाएगा। साथ ही कृत्रिम गर्भाधान को निजी सहभागिता से आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। मादा पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए केवल मादा गर्भ-भ्रूण किसानों को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन में 3105 लाख रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है।


केन्द्रीय वीर्य संग्रहालय, भोपाल को भारत शासन द्वारा 'ए' ग्रेड से सम्मानित किया गया है। शासन द्वारा दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन स्वरूप 5 रूपये प्रति लीटर बोनस देने का निर्णय लिया गया है। यह प्रोत्साहन राशि दुग्ध संघ के माध्यम से किसान को दी जाएगी। इसके लिये दुग्ध संघ को 358 करोड़ 63 लाख रूपये दिये जाने का प्रस्ताव प्रचलन में है।


पशुपालकों का बीमा होगा : मिलेंगे क्रेडिट कार्ड


राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि पशुओं एवं पशुपालकों का बीमा कराया जायेगा तथा उनको किसानों की तरह क्रेडिट कार्ड दिये जायेंगे। केन्द्र प्रवर्तित पशु बीमा योजना प्रचलन में है। पिछले माह तक 8000 पशुओं का बीमा कराया गया है। पशुपालकों के बीमा का प्रस्ताव भी प्रचलन में है।


पिछले एक साल में पशुधन केन्द्रित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये 5 वर्ष की रियायती दर पर ऋण दिलाने का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री कृषक उ़द्यमी योजना में पशुपालन से संबंधित पशु आहार एवं कुक्कुट आहार निर्माण इकाई भी शामिल है।