बुधवार, 25 दिसंबर 2019

संगठित माफिया के खिलाफ चलायें अभियान राज्य एवं जिला स्तर पर गठित हों विशेष टीमें...

संवाददाता : जयपुर राजस्थान


      मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में संगठित रूप से चलाये जा रहे अपराधों में लिप्त माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।  गहलोत ने इसके लिए अभियान चलाने और जिला स्तर पर विशेष टीमें गठित करने के निर्देश गृह विभाग एवं पुलिस के अधिकारियों कोे दिए।

 


 

गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पुलिस एवं गृह विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि सरकार किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं करेगी और अधिकारी काम करके दिखाएं। उन्होंने संगठित माफिया पर शिकंजा कसने के लिए स्पेशल ऑपरेशन गु्रप (एसओजी) एवं सीआईडी (सीबी) को सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष टीमें गठित कर इन टीमों में शामिल पुलिस अधिकारियों एवं कॉस्टेबलों को अलग से प्रशिक्षण दिया जाये। 

 

बैठक में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि जिला स्तर पर एसओजी की ईकाइयां गठित की जा रही हैं। हर ईकाई का प्रभारी एक इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी होगा। इसके अलावा सीआईडी क्राइम ब्रांच को भी मजबूत बनाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के पूर्व में दिए गए निर्देशोें की अनुपालना में एसओजी में 'स्पेशल फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन यूनिट' एवं 'साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन यूनिट' का गठन किया जा चूका है। 

 

पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र यादव ने बताया कि प्रदेश में भूमाफिया, बजरी माफिया, मानव तस्करी माफिया, मिलावटखोर माफिया, भर्ती एवं कोचिंग माफिया, नकली दवा सप्लाई माफिया, फर्जी बीमा गिरोह तथा सीमांत क्षेत्रों में पशुधन चोरी माफिया सक्रिय हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से ब्लैकमेल करने वाले और फर्जी मुकदमा दर्ज करवाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह भी सक्रिय हैं। 

 

मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए कि इस संबंध में विभिन्न रेंज के प्रभारी एडीजी, रेंज आईजी एवं जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक एवं वीडियो कांफ्रेसिंग कर जमीनी स्तर पर कार्ययोजना बनाएं और प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इसमें पुलिस अथवा अन्य किसी सरकारी विभाग के अधिकारी की संलिप्तता सामने आये तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए। जरूरत पड़े तो निलंबन और बर्खास्तगी जैसे कदम भी उठाये जाएं। 

 

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र यादव, एडीजी (क्राइम) बीएल सोनी, एडीजी (एसओजी) अनिल पालीवाल उपस्थित थे।