मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

तीन-चार माह के अंतराल पर महिला सुरक्षा पर छात्र-छात्राओं से करते रहें चर्चा : अरविंद केजरीवाल

संवाददाता : नई दिल्ली 


       दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर दिल्ली के सभी स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक के करीब 22 लाख छात्र-छात्राओं के साथ सोमवार सुबह संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी छात्रों को महिला सम्मान की शपथ दिलाई। साथ ही सभी छात्राओं से अपने भाइयों को महिला सम्मान की शपथ दिलाने की अपील की, ताकि महिलाओं के प्रति उनकी सोच बदली जा सके। मुख्यमंत्री ने सभी स्कूलों के शिक्षकों से कहा कि वे 26 दिसंबर को छात्राओं से उनके परिवार की प्रतिक्रिया की जानकारी लें और हर तीन-चार माह के अंतराल पर महिला सुरक्षा पर छात्र-छात्राओं से चर्चा करते रहें। मुख्यमंत्री ने अभियान के बारे में ट्वीट भी किया और कहा कि हमें ऐसी दिल्ली बनानी है, जहां रात को भी महिलाएं बिना किसी डर के घर से निकल सकें।




दिल्ली के मैथिली शरण मार्ग के शक्ति नगर स्थित स्कूल में आयोजित महिला सुरक्षा पर संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लोग बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं। किसी बच्ची ने बताया कि घर और स्कूल में इन बातों पर कभी चर्चा ही नहीं की जाती है। धीरे-धीरे यह सोच इतनी खराब हो गई है कि पिछले कुछ सालों से रोज कहीं न कहीं किसी तरह की गलत घटना सुनने को मिलती है। पूरे देश से इस तरह की घटनाएं सुनने को मिल रही हैं। छोटी-छोटी बच्चियों के साथ गलत काम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि हमारे समाज को हो क्या गया है। ऐसा नहीं है कि इसमें कोई युवा या बुजुर्ग ही शामिल है। बल्कि इसमें नाबालिग भी शामिल हैं। निर्भया कांड में एक आरोपी नाबालिग था। बहुत पढ़े-लिखे और बहुत अमीर और अनपढ़ लोग भी इसमें शामिल हैं। हम सब लोगों के साथ सरकार और पुलिस को भी कुछ करना होगा। जब तक समाज की सोच नहीं बदलेगी, तब तक सरकार और पुलिस इस समस्या के सामने बहुत छोटी पड़ जाएगी। अगर यह गंदी सोच बढ़ती गई, तो हमारे समाज का हश्र क्या होगा। इस सोच को हमें खत्म करना होगा।

छात्र-छात्राओं ने बेबाकी के साथ मुख्यमंत्री के सामने रखी अपनी बात

इस दौरान कई छात्र-छात्राओं ने बड़ी बेबाकी के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने अपनी बात भी रखी। मुख्यमंत्री के यह पूछने पर कि इस तरह की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं। हमें क्या करने की जरूरत है। इस पर एक छात्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी, आजकल लोग अपनी सभ्यता को भूल चुके हैं। एक छात्रा ने कहा कि क्योंकि लोगों के अंदर डर ही नहीं है। निर्भया कांड में आरोपियों को अभी तक सजा नहीं मिली है। उनकों डर ही नहीं है कि वे ऐसा कर रहे हैं, तो उनके साथ क्या होगा। एक छात्रा ने कहा कि आजकल पुलिस की इज्जत नहीं है। इसलिए यह सब हो रहा है। एक छात्रा ने कहा कि ऐसा करने वालों के लिए कड़े कानून बनने चाहिए। उन्हें डर हो कि वे ऐसा करते हैं, तो उनके साथ क्या हो सकता है। एक छात्रा ने कहा कि यदि सभी को प्राॅपर एजुकेशन मिले, तो उनके मन में ऐसी सोच बन सकती है कि वे लोग लड़कियों को सही नजरिए से देखें। एजुकेशन और माता-पिता के साथ बातचीत होना बहुत जरूरी है।

कानून को सख्त करना होगा और पुलिस को बदलना होगा :  अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने छात्र-छात्राओं की बात सुनने के बाद कहा कि आप सभी से बात कर के मोटे-मोटे तौर पर यह निकल कर आया कि लोगों के अंदर डर नहीं है। जो लोग भी यह गलत काम करते हैं। उन्हें कानून का डर नहीं है कि वे पकड़े जाएंगे और उनको सजा होगी। ऐसे लोगों को पुलिस का डर नहीं है। कई बार देखने को मिलता है कि जो पीड़िता है, उसकी पुलिस मदद नहीं करती है। गलत काम करने वाला या तो पावरफूल होता है या फिर पैसे दे देता है। इसलिए कानून में सख्ती लाने की जरूरत है। हमें ऐसी व्यवस्था लाने की जरूरत है कि जो दोषी हैं, उन्हें जल्द से जल्द और सख्त से सख्त सजा मिले। उन्हें फांसी तक की सजा मिल सके। यदि जल्द और सख्त सजा मिलेगी, तो लोगों के मन में एक डर पैदा होगा। पुलिस को ठीक होने की जरूरत है। आज हर कोई पुलिस के पास जाने से डरता है। उसे डर लगता है कि कहीं पुलिस उनके खिलाफ ही कार्रवाई न कर दे। इसलिए पुलिस को भी अपने आपको बदलना पड़ेगा। सरकार के स्तर पर हमें ऐसा सिस्टम बनाना पड़ेगा कि जो लोग भी गलत काम करे, तो उसे डर हो कि वह पकड़ा जाएगा।

सोच नहीं बदलेगी, तो कड़े कानून व व्यवस्थाएं बेकार हो जाएंगी:  अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसे दिल्ली में चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं। इससे 5, 10 या 20 प्रतिशत की कमी तो आएगी। कुछ बच्चों ने बताया कि पहले उनके नुक्कड़ पर कुछ लड़के खड़े होते थे।, अब वे नहीं खड़े होते हैं। पहले शराब पीते थे। जुआ खेलते थे और ड्रग्स लेकर खड़े होते थे। अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को इससे डर लगेगा कि कुछ किए, तो सीसीटीवी कैमरे हैं और पकड़े जाएंगे। हमने पूरी दिल्ली में इस समय 1 लाख 40 हजार सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं। अभी 1 लाख 40 हजार और सीसीटीवी कैमरे लगने चालू हो गए हैं। दिल्ली में कुल 2 लाख 80 हजार कैमरे लगेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह संख्या काफी नहीं है। हमारा मकसद दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर कैमरा लगवाना है। उसके बाद कोई गलत काम करने पर बच नहीं पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां पर रात में अंधेरा रहता है, वहां हम लोग स्ट्रीट लाइट लगवा रहे हैं। पूरी दिल्ली में एक-दो दिन में 2 लाख 10 हजार स्टीट लाइट लगनी शुरू हो जाएंगी। दिल्ली का कोई ऐसा कोना नहीं छोड़ेंगे, जहां अंधेरा रहेगा। इसके लिए चाहे जितना भी खर्च करना पड़े, हम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब के बाद भी जब तक हमारी सोच नहीं बदलेगी, तो सारी व्यवस्थाएं बेकार हो जाएंगी। अगर कोई व्यक्ति गलत काम करता है और उसे पता है कि वो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो रहा है और पकड़ा जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने यह दिलाई शपथ

मुख्यमंत्री ने सभी स्कूलों के छात्रों को शपथ दिलाई कि मै शपथ लेता हूं कि मै हमेशा सभी महिलाओं की इज्जत करूंगा। कभी किसी लड़की से दुव्र्यवहार या दुराचार नहीं करूंगा। अगर कभी कोई महिला मुसीबत में होती है, तो अपनी पूरी क्षमता से उसकी मदद करूंगा। इसके आवा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी लड़कियों से घर जाकर अपने भाई से बात करने और उसे भी शपथ दिलाने की अपील की। छात्राओं ने भी मुख्यमंत्री को भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों से कहा कि वे लोग 26 दिसंबर को एक घंटा सबके साथ चर्चा करेंगे कि छात्र-छात्राओं के परिवार वालों की क्या प्रतिक्रिया रही।




हमें ऐसी दिल्ली बनानी है जहां रात को भी महिलायें बिना किसी डर के घर से निकल सकें -  अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कार्यक्रम के बाद ट्वीट कर कहा आज दिल्ली के सभी स्कूलों के 22 लाख बच्चों के साथ महिला सुरक्षा अभियान शुरू किया। पुलिस और क़ानून व्यवस्था तो ठीक करनी ही है। CCTV कैमरे और स्ट्रीट लाइट भी लगवा रहे हैं। पर समाज की सोच भी बदलनी होगी। हमें ऐसी दिल्ली बनानी है जहां रात को भी महिलायें बिना किसी डर के घर से निकल सकें। आज लड़कों ने शपथ ली कि वे महिलाओं का सम्मान करेंगे, किसी लड़की के साथ दुर्व्यवहार या दुराचार नहीं करेंगे। सभी लड़कियाँ अपने घर जाकर अपने भाई को यही शपथ दिलाएँगी और कहेंगी कि वो अपने भाई से बहुत प्यार करती हैं, लेकिन अगर वो ग़लत काम करेगा तो हमेशा के लिए भाई से रिश्ता तोड़ लेंगी।

कानून सख्त पालन करने के साथ सोच बदलने की भी जरूरत: मनीष सिसोदिया

इससे पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि जिस नजर से हम अपने घर की मां-बहनों को देखते हैं, वैसे ही सभी को अन्य लड़कियों को भी देखना चाहिए। कानून का सख्त पालन होना चाहिए। व्यवस्थाएं ठीक होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ इससे ही काम नहीं चलने वाला है। इसे पूरी तरह रोकने के लिए हमें अपनी मानसिकता या सोच बदलनी चाहिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी गली या नुक्कड़ पर चार-पांच लड़के हैं और उनमें से एक भी लड़का किसी लड़की को कुछ गलत बोलता है, तो सभी लोग बदनाम होते हैं। सोच कर देखिए कि जब झुंड बना कर कोई हरकत करते हैं, तो वहां से गुजर रही लड़की पर क्या गुजरती होगी। हमें अपनी सोच बदलनी होगी। उस सोच को कानून से डराया जा सकता और शिक्षा से बदला जा सकता है। स्कूल स्तर से ही लड़के-लड़कियों से इस पर बात करनी चाहिए। बड़े होने के बाद उनकी सोच को बदलना आसान नहीं होता है।