गुरुवार, 30 जनवरी 2020

भारत पर्व में लाल किले पर ’कालबेलिया नृत्यागनाओं’ ने समां बाँधा राजस्थान के लोक कलाकारों ने मचाई धूम...

संवाददाता : जयपुर राजस्थान


      नई दिल्ली के ऎतिहासिक लाल किला प्रांगण में आयोजित छह दिवसीय भारत पर्व -2020 में बुधवार को सायं राजस्थान के लोक कलाकारों ने अपनी नायाब प्रस्तुति ’कालबेलिया नृत्य से समा बाँध दिया और अपने दिलकश गीताें व संगीत की सुमधुर प्रस्तुतियों से लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया।

 


 

सांस्कृतिक संध्या में राजस्थानी लोक कलाकारों द्वारा चरी, तेरहताल, गैर, चकरी और कालबेलियां लोक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां हुई। लगभग डेढ़ घंटा चले इस मनमोहक कार्यक्रम के प्रारंभ में निवाई से आए रामप्रसाद शर्मा और साथी कलाकारों ने कच्छी घोड़ी न्ृत्य प्रस्तुत किया। उसके उपरांत अनीशुदीन के अगुवाई में स्थानीय नृत्यांगनाओं द्वारा चरी नृत्य की प्रभावी प्रस्तुति की गई। 

 

पाली की रीमती दुर्गा देवी एवं कलाकारों द्वारा प्रस्तुत तेरहताल नृत्य, बारां के श्री रूप सिं के नेतृत्व में प्रस्तुत चकरी नृत्य और बाड़मेर के श्री प्रेम सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रस्तुत गैर नृत्य ने दर्शकों का मनमोह लिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण श्रीमती सुआ सपेरा की अगुवाई में कालबेलिया नृत्य की शानदार प्रस्तुति रही। कालबेलियां नृत्य प्रस्तुतकर ऎसा समा बांधा कि पूरा प्रांगण भारी करतल ध्वनि से गूंज उठा।

 

कार्यक्रम में राज्य की आवासीय आयुक्त टी.जे.कविथा, राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव एवं पर्यटन विभाग की अतिरिक्त निदेशक गुनजीत कौर सहित कई विशिष्ट व्यक्ति मौजूद थे।