सोमवार, 6 जनवरी 2020

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने समापन सत्र की अध्यक्षता की...

संवाददाता : नई दिल्ली 


      राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान , राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र और प्रबंधन, लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान के सहयोग से  प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा आयोजित क्षमता निर्माण पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के विचार विमर्श का समापन हुआ जिसमें तीसरे दिन वक्ताओं का फोकस सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर रहा।


समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने अधिकारियों से आह्वान किया कि वे आज के जीईएम सत्र से अधिकतम लाभ प्राप्त करें, ताकि सरकारी खजाने का ईमानदारी से उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि अगर सरकारी खरीद ठीक से और समय पर की जाती है तो यह लोगों के कल्याण के मूल उद्देश्य को पूरा करेगा। उन्होंने इस तरह के आयोजन के लिए डीएआरपीजी, एनआईएफएम, एनसीजीजी और आईएमपीएआरडी की भी सराहना की।



जीईएम के जरिए खरीद पर व्यावहारिक सत्र के दौरान भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और जीईएम के मुख्य वित्त अधिकारी श्री राजीव खण्डपाल ने कहा कि यह क्षमता निर्माण कार्यक्रम जम्मू एवं कश्मीर के अधिकारियों को उनके रोजाना के प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य के निपटान के दौरान सामान्य वित्तीय नियमों एवं वित्तीय मामलों में अधिक व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करेगा।


राजीव खंडपाल ने भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए आउटरीच कार्यक्रम 'जीईएम संवाद' पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 'जीईएम संवाद' सरकार द्वारा लॉन्च किया गया है जिसका उद्देश्य जीईएम के बारे में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऑन स्पॉट फीडबैक प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि इस आउटरीच कार्यक्रम से जीईएम के वरिष्ठ अधिकारी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का दौरा करेंगे ताकि इस बारे में फीडबैक प्राप्त की जा सके कि जीईएम पोर्टल को उपयोगकर्ता के और अधिक अनुकूल कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें विभिन्न विभागीय उपकरणों के माध्यम से 25% तक सरकारी खजाने में बचत कर सकती हैं।


दोपहर के सत्र के दौरान, जीईएम के बिजनेस फेसिलिटेटर श्री कुश त्यागी ने 'क्रेता के कामकाज' पर एक प्रस्तुति दी, जिसने जीईएम पोर्टल पर प्राथमिक और द्वितीयक उपयोगकर्ता के रूप में पंजीकरण के लिए पूर्व-आवश्यताओं पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने ऑनस्पॉट प्रदर्शन दिया कि जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों द्वारा जीईएम पोर्टल पर किसी क्रेता का कैसे पंजीकरण किया जाए।


मुख्य रूप से, इस कार्यक्रम का उद्देश्य सुशासन प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में पारदर्शी सार्वजनिक नीति विकसित करना था। जम्मू-कश्मीर सरकार के लगभग 385 वरिष्ठ अधिकारियों ने तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम में भाग लिया।