शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

दसवें भारतीय छात्र संसद को संबोधित किया...

संवाददाता : नई दिल्ली 


        उपराष्ट्रपति, एम वेंकैया नायडू ने छात्रों से नकारात्मकता छोड़कर रचनात्‍मक दृष्टि विकसित करने का आग्रह किया है। नई दिल्ली में दसवें छात्र संसद को संबोधित करते हुए नायडू ने युवाओं से कहा कि वह भ्रष्‍टाचार,आतंकवाद, उग्रवाद ,धार्मिक कट्टरता,जातिवाद और लैंगिक भेदभाव से लड़ने के लिए आगे आएं। उन्‍होंने कहा कि भ्रष्‍टाचार लोकतंत्र की जड़ों को खोखला कर रहा है।उन्‍होंने युवाओं से राष्‍ट्रनिर्माण की गतिविधियों में हिस्‍सा लेने की भी अपील की।  



उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। ऐसे में राजनीति लोगों की भलाई और सामाजकि-आर्थिक बदलावों के जरिए देश को विकास की नयी ऊंचाइयों पर ले जाकर लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत करने का माध्‍यम है। उन्‍होंने कहा “यहीं युवा छात्रों,शिक्षित और जागरुक नागरिकों को राजनीति में अर्थपूर्ण भागीदारी निभानी चाहिए।  उपराष्‍ट्रपति ने सांसदों और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों से आग्रह किया कि वह विभिन्‍न मंचों पर चर्चा के स्‍तर में सुधार लाएं। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यसभा,लोकसभा और विधानसभाओं में सदस्‍यों को लोगों के सामने उदाहरण पेश करना चाहिए।


नायडू ने युवाओं को सलाह दी कि वे भारत के इतिहास, विरासत, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय नेताओं द्वारा किए गए बलिदानों के बारे में अच्‍छी समझ विकसित करें और इसके साथ ही समाज सुधारकों द्वारा लाए गए आमूल-चूल परिवर्तन के बारे में भी जानें। उन्होंने युवाओं से संविधान सभा में हुई बहसों तथा  समय-समय पर संसद में प्रख्यात सांसदों द्वारा दिए गए भाषणों का अध्ययन करके अपने ज्ञान को समृद्ध करने को कहा


देश गैर संचारी रोगों के बढ़ते मामलों पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए नायडू ने कहा कि ऐसा खान पान की खराब आदतों और स्‍वस्‍थ जीवन शैली नहीं होने की वजह से हो रहा है। उन्‍होंने युवाओं से ऐसी जीवन शैली छोड़ने का आग्रह किया।


 इस अवसर पर केरल विधानसभा के अध्‍यक्ष पी रामकृष्‍ण,लोकसभा के पूर्व अध्‍यक्ष शिवराज पाटिल, पंजाब के पूर्व राज्‍यपाल डा.विजय पी भटकर,आईआईटी दिल्‍ली के संचालक मंडल के पूर्व अध्‍यक्ष और नालंदा विश्‍वविद्यालय के कुलाधिपति डा. विश्‍वनाथ डी कराड सहित कई गणमान्‍य लोग और 1500 से ज्‍यादा छात्र उपस्थित थे।