सोमवार, 3 फ़रवरी 2020

उपराष्ट्रपति ने स्कूली शिक्षा के साथ कौशल विकास को भी जरूरी बताया...

संवाददाता : नई दिल्ली 


      उपराष्ट्रपति, एम. वेंकैया नायडू ने स्कूली स्तर पर कौशल विकास की पहल को अनिवार्य बताते हुए कहा कि "स्कूली शिक्षा और कौशल विकास एक साथ होने चाहिए।


हुबली में देशपांडे फाउंडेशन के आवासीय कौशल केंद्र के उद्घाटन के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में कौशल विकास पर अतीत में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि स्कूली छात्रों के लिए कौशल विकास को अनिवार्य बनाए जाने के लिए शिक्षा नीति की समीक्षा किये जाने का आह्वान किया।



नायडू ने कहा कि कुशल मानव संसाधन का माहौल बनाए जाने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम के साथ व्यावसायिक शिक्षा को जरूरी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में कौशल विकास और शिक्षा के स्तर दोनों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्कूली छात्रों में सभी क्षेत्रों के अनुरूप कौशल विकसित करने के जिम्मेदारी केन्द्र और राज्य सरकारों की है।


नवाचार और उद्यमशीलता के लिए अनुकूल माहौल विकसित करने का आह्वान करते हुए श्री नायडू ने युवाओं से अपील की कि वे स्किल इंडिया जैसी पहलों का भरपूर इस्तेमाल करें और इसके माध्यम से मशीन लरनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े ज्ञान और कौशल को हासिल करें।


भौगोलिक क्षेत्र, भाषा, धर्म और आय के मामले में भारत को विविधताओं से भरा देश बताते हुए उपराष्ट्रपति ने समग्र और समान विकास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि समाज के सभी वर्गों को कौशल विकास कार्यक्रमों का लाभ मिले।


नायडू ने कहा कि भारत एक युवा देश है। देश की आबादी का 65 प्रतिशत हिस्सा ऐसे लोगों का है जिनकी उम्र 35 वर्ष से कम है। ऐसे में देश के पास मानव संसाधन के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने का अनूठा अवसर है। उन्होंने कहा कि यह विशाल मानव संसाधन ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था को और आगे ले जाएगा।


उपराष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा समय नियोक्ता किसी कर्मचारी को नौकरी पर रखते समय यह नहीं देखते कि उसने नौकरी के लिए आवश्यक कौशल सामान्य रूप से या औपचारिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से हासिल किया है। उन्होंने सरकार और उद्योग को पुराना चलन बदलने और भर्ती प्रक्रिया के दौरान औपचारिक कौशल प्रमाणन वाले श्रमिकों को वरीयता देने पर जोर दिया।  


इस अवसर पर संसदीय मामलों के केन्‍द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, कोयला और खान मंत्री  जगदीश शेट्टार, कर्नाटक के बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री, राज्‍य के  गृह  मंत्री बासवराज बोम्‍मई तथा देशपांडे फाउंडेशन के संस्‍थापक और सह संस्‍थापक भी मौजूद थे।