मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

उपराष्‍ट्रपति ने विश्‍व समुदाय का आह्वान किया कि वे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के विरुद्ध सख्‍त कार्रवाई करें...

संवाददाता : नई दिल्ली 


      उपराष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज विश्‍व समुदाय का आह्वान करते हुए कहा कि वे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के विरुद्ध एक साथ होकर सख्त कार्रवाई करें।


पणजी में गोवा विश्‍वविद्यालय के 32वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद मानवता का शत्रु है और उन्‍होंने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में हमारे पड़ोसी देश के क्रियाकलापों की निंदा की।यह कहते हुए कि अधिकार और जिम्मेदारियां साथ-साथ चलती हैं, उन्होंने लोगों को अपने कर्तव्यों को निभाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।



भारत को मजबूत बनाने के लिए युवाओं को सबसे आगे रहने के लिए कहकर उपराष्ट्रपति ने उन्हें 4 सीएस गुड कंडक्ट, कैरेक्टर, क्षमता और कैलिबर के आधार पर चयन करने और चुनाव करने की सलाह दी और अन्य 4सी - जाति, समुदाय नकद और आपराधिकता के आधार पर नहीं ।


उपराष्ट्रपति ने कहा कि उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (एलपीजी) ने असंख्य अवसर खोले हैं और हमारे विश्वविद्यालयों को इन 21वीं सदी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारतीय युवाओं को शिक्षित और कौशल-युक्‍त करना चाहिए।


यह कहते हुए कि भारत प्राचीन काल में विश्व गुरु के रूप में जाना जाता था, नायडू ने भारतीय विश्वविद्यालयों को फिर से भारत को दुनिया का ज्ञान केंद्र बनाने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने मनमुताबिक परिणाम के लिए अनुसंधान एवं विकास के लिए बहु-विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया।


यह कहते हुए कि यह दीक्षांत समारोह आपकी शिक्षा का अंत नहीं है, नायडू ने स्नातक करने वाले छात्रों से कहा कि सीखना एक जीवन भर की प्रक्रिया है और उन्हें जीवन में नई चीजें सीखते रहना चाहिए।


यह कहते हुए कि कोई भी राष्ट्र तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक कि उसकी महिलाओं को शिक्षित नहीं किया जाता है, उपराष्ट्रपति ने इस तथ्य पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गोवा विश्वविद्यालय में पंजीकृत 30,000 छात्रों में से 60 प्रतिशत महिलाएं हैं। हर महिला को पुरुषों के साथ बराबरी का अवसर दिया जाना चाहिए।


उन्होंने प्राचीन भारत की महान विदूषियों जैसे गार्गी और मैत्रेयी के उदाहरणों का हवाला दिया और कहा कि महिलाओं का सम्मान भारतीय संस्कृति के मूल में है।


नायडू ने छात्रों से भारतीय संस्कृति के पुराने मूल्यों जैसे - साझेदारी और देखभाल, "वसुधैव कुटुम्बकम" और प्रकृति के प्रति सम्मान का आग्रह किया।उन्होंने खुशी जताई कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हम पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। हालांकि, विकास के लिए एक स्थायी मार्ग का आह्वान करते हुए, उपराष्ट्रपति ने सभी से प्रकृति का सम्मान करने तथा प्रकृति के साथ जीने की अपील की।


उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग आज दुनिया की दो सबसे बड़ी चुनौतियों हैं और सभी देशों को पर्यावरण की रक्षा और कार्बन उत्‍सर्जन को कम करने के लिए अपने प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है।


इस अवसर पर गोवा के राज्यपाल श्री सत्य पाल मलिक, गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत, गोवा विश्वविद्यालय के कुलपति श्री वरुण साहनी एवं अन्‍य गणमान्य व्‍यक्ति उपस्थित थे।