शनिवार, 14 मार्च 2020

90 फीसद लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं, केंद्र से मेरी अपील एनपीआर और एनआरसी को रोक दिया जाए : अरविंद केजरीवाल

संवाददाता : नई दिल्ली


      दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ संकल्प पास कर इसे लागू न करने का प्रस्ताव किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एनपीआर और एनआरसी के तहत जनता से अपनी नागरिकता साबित करने को कहा जाएगा। 90% लोगों के पास ये साबित करने के लिए कोई सरकारी जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। क्या सबको डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा? ये डर सबको सता रहा है। इस कारण केंद्र सरकार से मेरी अपील है की एनपीआर और एनआरसी को रोक दिया जाए। इसे लागू न किया जाए। ज्यादातर सदस्यों ने इसके खिलाफ अपना पक्ष रखा।  

 


 

जनता की वास्तविक समस्याओं को दरकिनार करके हम एनआरसी और एनपीआर के तहत काल्पनिक समस्या पैदा कर रहे - अरविंद केजरीवाल 

 

एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में पेश संकल्प के पक्ष में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज पूरी दुनिया बहुत बड़ी बीमारी करोना वायरस से जूझ रही है। कई लोग इससे प्रभावित हो चुके हैं। कई लाख लोगों की मौत हो चुकी है। हमारे देश में अभी उतना नहीं फैला है। लेकिन हमारे देश के अंदर भी जनता के मन में इसे लेकर बहुत बड़ी चिंता है। मैं समझता हूं कि इस समय देश के सामने, सभी सरकारों व सभी पार्टियों के सामने यह सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए। हमारे देश में इस समय बेरोजगार बहुत बड़े स्तर पर बढ़ी हुई है। हमारे बच्चे बेरोजगार घूम रहे हैं और बेरोजगारी दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है, क्योंकि अर्थ व्यवस्था का बुरा हाल हो चुका है।

 

जब राष्ट्रपति और गृह मंत्री कह रहे हैं कि एनआरसी अमल में लाया जाएगा तो फिर क्या बचा -  अरविंद केजरीवाल 

 

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई लोग यह कह रहे है अभी तो एनआरसी का डाफ्ट ही नहीं आया है। एनआरसी होने ही वाला नहीं है। 20 जून 2019 को राष्ट्रपति श्री कोविंद जी ने दोनों सदनों को संयुक्त संबोधित किया था और उन्होंने कहा था कि , ‘मेरी सरकार ने यह तय किया है कि एनआरसी को प्राथमिकता के अधार पर अमल में लाया जाए। राष्ट्रपति इस देश के सर्वोच्च प्राधिकरण हैं। अगर राष्ट्रपति ने कहा है कि एनआरसी को लागू किया जाएगा, तो एनआरसी तो लागू किया जाएगा। देश माननीय गृहमंत्री जी ने 10 दिसंबर 2019 को संसद में वक्तव्य दिया था। उन्होंने कहा था, ‘हम इस पर बिल्कुल साफ साफ हैं कि इस देश में तो एनआरसी इस लागू होकर रहेगा। माननीय गृहमंत्री जी ने कहा दिया तो फिर बचा क्या?

 

गृह मंत्री जी ने खुद कहा है सीएए आएगा, फिर एनपीआर आएगा और फिर एनआरसी आएगा - अरविंद केजरीवाल 

 

मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब ये कह रहे हैं कि सीएए अलग है और एनपीआर अलग है। एनआरसी अलग है। यह आपके कहने से नहीं होगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी ने बड़े अच्छे से समझा दिया कि इन सभी कानूनों का एक दुसरे से रिश्ता है। एनपीआर तो 2010 में भी हुआ था तब अफरा तफरी नहीं मची। एनपीआर 2015 में भी भाजपा की सरकार ने भी किया था। तब तो अफरा तफरी नहीं बची। अब अफरा तफरी क्यों मच रही है। अब अफरा तफरी इस लिए मच रही है, क्योंकि माननीय गृहमंत्री जी ने खुद समझाया है और उन्हीं के शब्द हैं। 

 

केंद्रीय कैबिनेट में पता कर लें कि कितनों के पास जन्म प्रमाण पत्र है - अरविंद केजरीवाल 

 

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि केंद्रीय कैबिनेट में पता कर लें कि कितनों के पास कागज है। संसद वालों के पास पूछ लो कि कितनों के पास है। अभी केंद्र सरकार के एक मंत्री ने कहा कि उनके पास भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अब मैं आत्महत्या कर लूं क्या, मुझे डिटेंशन सेंटर में भेजोगे क्या? देष के अधिकतर मुख्यमंत्रियों के पास भी नहीं जन्म प्रमाण पत्र है। आसाम में जो एनआरसी हुआ, वह बहुत ही दर्दनाक हुआ। मैं चार उदाहरण बताना चाहता हूं। एक हैं दुलाल चंद्र पाॅल। वह मूलतः आसाम के हैं। बंगाली हिंदू हैं, उनकी उम्र 65 साल है। 

 

मेरी केंद्र सरकार से अपील एनपीआर और एनआरसी को लागू न किया जाए - अरविंद केजरीवाल 

 

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश में दिल्ली समेत 11 राज्यों कि विधानसभाओं में एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया कि यह कानून लागू नहीं होना चाहिए। इस तरह आधा देश इसके खिलाफ है। जिसमें बिहार, तमिलनाडू समेत कई राज्य ऐसे हैं जहां उनकी सरकार है या वह पार्टनर हैं। इन सब विधानसभाओं ने इसके खिलाफ प्रस्ताव पास किया हैं। आज मैं भी केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर विनती कर रहा हूं कि कि एनपीआर और एनआरसी को लागू न किया जाए।