शुक्रवार, 6 मार्च 2020

चहुंमुखी विकास प्रत्येक राजस्व ग्राम में होंगे विकास के चार काम प्रदेश में बायोडीजल के 50 रिटेल आउटलेट खोले जाएंगे : उप मुख्यमंत्री

संवाददाता : जयपुर राजस्थान


      उप मुख्यमंत्री एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री तथा सार्वजनिक निर्माण मंत्री सचिन पायलट ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में पंचायतों का परिसीमन कर 57 पंचायत समितियों तथा नई पंचायतों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हमारी सरकार लोकतंत्र के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अप्रैल तक पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव करवाना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा देश एक प्रगतिशील देश है। निचले तबके को पैसा दिया जाए तो उनके जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन आएगा,जिससे अर्थव्यवस्था भी मजबूत बनेगी। हमारी सरकार का उद्देश्य निचले और गरीब तबके को मजबुती प्रदान करना है ताकि देश और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। 

 


 

उप मुख्यमंत्री एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने गुरूवार को विधानसभा में मांग संख्या 28- ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम पर हुई बहस का जबाव दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम 7 अरब 59 करोड़ 28 लाख 80 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत एवं सर्वसम्मति से पारित कर दी गई। 

 

उन्होंने कहा कि प्रत्येक राजस्व ग्राम में विकास के चार काम कारवाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर विकास के चार काम करवाये गये है। जिसके तहत गांव में चारगाह, मॉडल जलाशय विकास कार्य, श्मशान/कब्रिस्तान विकास कार्य एवं खेल मैदान विकास कार्य  प्राथमिकता के आधार पर करवाये जाते है।  एक ग्राम चार काम योजना में 94 प्रतिशत कार्य कर दिए गए हैं।  हमारी सरकार अब  प्रत्येक राजस्व ग्राम में एक ग्राम तथा चार काम करवाएगी।

 

इससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य को गति मिलेगी। उन्होंने प्रदेश में प्रदूषण रहित पर्यावरण विकसित करने के लिए बायोडीजल (बी-100) की अधिकाधिक रिटेल बिक्री करने के लिए राज्य में 50 रिटेल आउटलेट खोले जाने की घोषणा की। इसी प्रकार अब प्रत्येक राजस्व ग्राम में उक्त विकास के चार काम करवाये जायेंगे। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का चहुॅमुखी विकास संभव हो सकेगा। 

 

उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत में नरेगा कार्यक्रम कायाकल्प करने वाला सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि नरेगा के आविष्कार के बाद गरीबी से जूझ रहे लोगों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिलना शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से पूर्व ग्रामीणों को काम के लिए जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के भरोसे रहना पड़ता था, नरेगा के बाद यह मनमानी खत्म हो गई। उन्होंने कहा कि नरेगा में राजस्थान राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम है जबकि तीन गुना आबादी वाला उत्तर प्रदेश हमसे पीछे है।

 

उप मुख्यमंत्री एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वर्ष 2019-20 में अनुमोदित श्रम बजट 30 करोड़ मानव दिवस के विरुद्ध आदिनांक तक 30 करोड़ 27 लाख मानव दिवस सृजित किये गये हैं, जो 100.9 प्रतिशत से अधिक है। वर्तमान में राजस्थान राज्य राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक मानव दिवस सृजन करने के क्रम में प्रथम स्थान पर है। वर्तमान में श्रम बजट को संशोधित किया जा कर 33 करोड़ 34 लाख किया गया है। जिसे वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक अर्जित कर लिया जावेगा। 

 

इस योजना की उत्कृष्ट क्रियान्विति के लिए कटिबद्ध है, इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर राज्य को पुरूस्कृत भी किया गया है। जिला स्तर पर जीओ टैगिंग मनरेगा इनिशियेटिव के तहत कोटा जिले को देश में प्रथम स्थान, ग्राम पंचायत स्तर पर जीओ टैगिंग मनरेगा इनिशियेटिव-डैम् के तहत डूंगरपुर जिले की ग्राम पंचायत सराड़ा। ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा के सर्वोत्तम क्रियान्वयन के लिए जैसलमेर जिले की ग्राम पंचायत हरनाव। ग्राम पंचायत स्तर पर सर्वे श्रेष्ठ आधारभूत ढांचा निर्माण व जल सरंक्षण ढांचा निर्माण में वृद्धि के लिए भीलवाड़ा जिले में पंचायत समिति आसींद की ग्राम पंचायत मोतीपुर को राष्ट्रीय स्तर पर पुरूस्कृत किया गया है।

 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में राजस्थान को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्ष 2018-19 तक 6 लाख 87 हजार आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित था, जिसके विरूद्ध 6 लाख 62 हजार आवास पूर्ण करा लिये गये हैं। जो कि लक्षित कार्य का 94 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में   4 लाख 50 हजार आवासहीन परिवारों के पक्के आवास निर्माण कराने का लक्ष्य निर्धारित है। 

 

उन्होंने कहा कि सैक सर्वे 2011 की वरीयता सूची में शामिल होने से वंचित पात्र परिवारों का चिन्हीकरण ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश अनुसार विशेष ग्राम सभा आयोजित कर कराया गया है। राज्य में ऎसे 23 लाख 57 हजार वंचित पात्र परिवारों की सूची ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार को अन्तिम निर्णय हेतु प्रेषित की गयी है। हम चाहते है कि उक्त वंचित परिवारों को भी मकान प्राप्त हो। 

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही योजनाएं भी बदल जाती है। इससे प्रदेश की जनता को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि एक दूसरे कार्यो को निरस्त न कर उसे बिना भेदभाव के आगे बढ़ाया जाना चाहिए। 

पायलट ने कहा शहरों की तरह ही ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए भी मास्टर प्लान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगले 30 वर्षों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने गावों के चहुंमुखी एवं सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान बनाने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है।  

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश के एनजीओ को मजबूत बनाने के लिए  सहायता समूहों (Self Help Group) को मजबूत बनाने के लिए एक लाख 66 हजार 529 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, एवं 417 क्लस्टर लेवल फैडरेशन का गठन कर 19.07 लाख ग्रामीण परिवारों को लाभान्वित किया गया है। 62 हजार 782 स्वयं सहायता समूहों को बैंक के माध्यम से कुल 648.65 करोड़ राशि का ऋण उपलब्ध कराया गया। 

 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए जयपुर, दौसा, बूंदी, बांसवाड़ा एवं कोटा जिलों के हाइवे फैसिलिटी सेन्टर में ‘‘राजीविका मॉल‘‘ विकसित करने हेतु आधारभूत संरचना के विकास के कार्य करवायें जा रहे हैं। इसकी मदद से स्थानीय स्तर पर ब्राडिंग और पैकेजिंग व मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है जिससे उन्हें अपने उत्पाद का उचित मुल्य मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि राजीविका द्वारा ’’एक ब्लॉक एक उत्पाद’’ गतिविधि को प्रारम्भिक तौर पर 50 विकास खण्ड चिन्हित किए गए ।

 

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ग्राम उत्थान शिविरो का प्रदेश में 15 अगस्त से 2 अक्टूबर 2019 तक आयोजन किया गया है। जिसमें  1 लाख 37 हजार 751 पट्टे शिविरों के दौरान जारी किये गये हैं। 

 

उन्होंने कहा कि देश में जैव ईधन नियम लागू करने वाला राजस्थान प्रथम राज्य है। राज्य में परिवहन प्रयोजन के लिए गुणवत्ता पूर्ण बायोडीजल (बी-100) की बिक्री को विनियमित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 13 अगस्त, 2019 को ’’राजस्थान जैव ईंधन नियम-2019’’ लागू कियेे गये हैं। उक्त नियमों के अन्तर्गत राज्य में बायोडीजल उत्पादकों, आपूर्तिकर्ताओं एवं विक्रेताओं का पंजीकरण किया जाकर राज्य में बायोडीजल (बी-100) की बिक्री को विनियमित किया जा रहा है। बंजर भूमि को उपयोगी बनाने, आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार के पर्याप्त अवसर सृजित करने, राज्य में हरित इर्ंधन के उत्पादन एवं उपयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रदूषण रहित पर्यावरण विकसित करने के लिए बायोडीजल (बी-100) की अधिकाधिक रिटेल बिक्री करने के लिए राज्य में 50 रिटेल आउटलेट खोले जाने की घोषणा की।