संवाददाता : नई दिल्ली
गंभीर चोट लगने के बाद रक्तस्राव जीवन के लिए घातक हो सकता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत स्वायत्त संस्था नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) के वैज्ञानिकों ने स्टार्च आधारित ‘हेमोस्टैट’ सामग्री तैयार की है जो अतिरिक्त द्रव्य को अवशोषित करते हुए खून में थक्के बनाने वाले प्राकृतिक कारकों को गाढ़ा बनाता है।
घावों पर एक साथ मिलकर जेल बनाने वाले प्राकृतिक रूप से सड़नशील ये सूक्ष्म सामग्री मौजूदा विकल्पों से अधिक बेहतर काम कर सकता है।
इस सामग्री के प्रारंभिक चरण के विकास को ‘मटेरियालिया’ नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। इस पर काम करने वाली डॉ. दीपा घोष और उनके सहकर्मियों ने उम्मीद जताई कि वे एक बहुमुखी, संभवत: जीवन-रक्षक और सस्ता उत्पाद विकसित कर सकेंगे जो दुनिया भर के कम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक अधिक यथार्थवादी समाधान होगा।
इस उत्पाद ने अवशोषण क्षमता बढ़ाई है और यह प्राकृतिक रूप से सड़नशील होने के साथ-साथ जैविक रूप से अनुकूल भी है।
हेमोस्टैट सामग्री खून में थक्के बनाने वाले प्राकृतिक कारणों को गाढ़ा करते हुए अतिरिक्त द्रव्य को अवशोषित करता है जो रक्तस्राव को रोकने के लिए जरूरी है। हालांकि, प्राकृतिक रूप से नहीं सड़ने वाले पदार्थों को हटाने के बाद रक्तस्राव फिर शुरू हो सकता है।
वास्तविक घावों वाले जानवरों पर एक अध्ययन में यह पाया गया कि मध्यम से तेज रक्तस्राव एक मिनट से कम समय में रूक गया। जानवरों पर अध्ययन में इस बात का पता लगा कि यह सामग्री विषैली नहीं है और इसके प्राकृतिक रूप से सड़नशील होने की भी पुष्टि हुई है।
डॉ. घोष ने कहा कि ये उत्साहजनक परिणाम बताते हैं कि हमारे संशोधित स्टार्च सूक्ष्म सामग्री (माइक्रोपार्टिकल) नैदानिक अनुप्रयोगों में नई खोजों को बढ़ावा देगी।