रविवार, 15 मार्च 2020

जनोत्थान और सामुदायिक विकास के लिए हरसंभव प्रयास जारी : अल्पसंख्यक मामलात मंत्री

संवाददाता : जयपुर राजस्थान


      अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा है कि प्रदेश सरकार आम जन के उत्थान और सामुदायिक विकास के लिए हरसंभव प्रयासों में जुटी हुई है और विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के माध्यम से सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।

 

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने शनिवार को जैसलमेर जिले के ग्राम्यांचलों के भ्रमण के दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए तथा जन सुनवाई करते हुए यह बात कही।

 


 

उन्होंने कहा कि सरकार हर क्षेत्र और हर वर्ग के कल्याण की दूरदर्शी सोच के साथ काम कर रही है और इन्हें विकास की मुख्य धारा मेंं लाने के साथ ही प्रदेश के बहुआयामी विकास के लक्ष्यों को साकार करने के लिए प्राण-प्रण से जुटी हुई है। 

उन्होंने ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए इनका पूरा-पूरा लाभ पाने के लिए आगे आने का आह्वान किया और कहा कि सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों व योजनाओं में अधिकाधिक जनभागीदारी से ही विकास के लक्ष्यों को पाया जा सकता है।

 

जन समस्याओं का निराकरण सर्वोच्च प्राथमिकता

 

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने फलसूण्ड में जन सुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जैसलमेर जिले के व्यापक विकास एवं ग्रामीणों की मांग के मद्देनजर पूर्व में फलसूण्ड को उप तहसील बनाने के साथ ही भणियाणा को उपखण्ड मुख्यालय बनाए जाने तथा अब भणियाणा में महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा का जिक्र किया और कहा कि इससे उच्च शिक्षा को बल मिलेगा तथा भणियाणा एवं फलसूण्ड क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा पाने के लिए दूर जाने की विवशता खत्म होगी।

 

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री को जनसुनवाई में बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने क्षेत्रीय समस्याओं के निराकरण को लेकर आग्रह किया। इस पर शाले मोहम्मद ने ग्रामीणों की पानी, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, खेती-बाड़ी आदि से संबंधित समस्याओं के निराकरण के निर्देश संबंंधित अधिकारियों को दिए।

 

पेयजल आपूर्ति के प्रति रहें गंभीर

 

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने आसन्न गर्मी के मौसम को देखते हुए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं पोकरण-फलसूण्ड पेयजल लिफ्ट परियोजना के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रकार से व्यवस्था करें कि ग्रामीणों को पेयजल के मामले में किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए अभी से जरूरी तैयारियां करते हुए गांवों-ढांणियों व दूरदराज के क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करें।