संवाददाता : नई दिल्ली
केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 39वीं बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
जीएसटी परिषद ने कानून और प्रक्रिया परिवर्तनों पर निम्नलिखित अनुशंसाएं की हैं।
1. व्यापार सुगमीकरण के लिए उपायः
क. जीएसटी के भुगतान में देरी पर ब्याज 01.07.2017 से शुद्ध नकद कर देयता पर लगाया जाएगा। (कानून का पूर्व व्यापी रूप से संशोधन किया जाना है।)
ख. जहां पंजीकरण 14.03.2020 तक रद्द कर दिया गया है, पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन 30.06.2020 तक भरा जा सकता है। (जो व्यावसाय का संचालन करना चाहते हैं, उन्हें सुविधा प्रदान करने के एकमुश्त उपाय के रूप में आवेदन की अवधि का विस्तार)
ग. वार्षिक रिटर्नः
1. पांच करोड रूपये से नीचे के समुच्चय कारोबार वाले करदाताओं हेतु, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए फार्म जीएसटीआर-9सी में सुलह विवरण प्रस्तुत करने से एमएसएमई को छूट।
2. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न और सुलह विवरण दर्ज करने की नियत तारीख को 30.06.2020 तक बढाया जाना चाहिए तथा
3. वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए 2 करोड रूपये से नीचे के समुच्चय कारोबार वाले करदाताओं के लिए वार्षिक रिटर्न और सुलह विवरण के विलंबित दाखिल के लिए विलंबित प्रभार नहीं लगाया जाएगा।
घ. ‘ नो योर सप्लायर’ नामक एक नई सुविधा शुरू की गई है ताकि हर पंजीकृत व्यक्ति को उन आपूर्तिकर्ताओं के बारे में बुनियादी जानकारी हो सके, जिनके साथ वे व्यवसाय करते हैं या व्यवसाय करने का प्रस्ताव रखते हैं।
डं. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए फार्म जीएसटीआर-1 प्रस्तुत करने की आवश्यकता उन करदाताओं के लिए माफ की जाएगी जो फार्म सीएमपी दाखिल करने के लिए दिनांक 07.03.2019 की अधिसूचना सं. 2/2019 केंद्रीय कर (दर) के तहत विशेष कंपोजीशन स्कीम का लाभ उठाने का विकल्प नहीं चुन सकते।
च. वैसे पंजीकृत व्यक्तियों के लिए जो दिवाला एवं दिवालिया कोड, 2016 के प्रावधानों के तहत कारपोरेट देनदार हैं और कारपोरेट इनसोलवेंसी रिजुलेशन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं, एक विशेष प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है ताकि सीआईआरपी अवधि के दौरान जीएसटी कानूनों के प्रावधानों का अनुपालन करने में उन्हें सक्षम बनाया जा सके।
छ. वैसे पंजीकृत व्यक्तियों के लिए, जिनका 24 मार्च, 2020 तक जुलाई 2019 से जनवरी, 2020 के लिए फार्म जीएसटीआर-3 बी हेतु नियत तारीखों का विस्तार। इसी तरह के विस्तार की अनुशंसा फार्म जीएसटीआर-1 और फार्म जीएसटीआर-7 के लिए भी की गई है।
ज. निर्यातकों के सुगमीकरण के लिए भी वित्तीय वर्षों में रिफंड दावों की बंचिंग की अनुमति दी गई।