शनिवार, 7 मार्च 2020

श्रम विभाग की समीक्षा बैठक भवन निर्माताओं से प्रभावी सेस वसूली करें ः मुख्यमंत्री

संवाददाता : जयपुर राजस्थान


      मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है निर्माण मजदूरों की सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं के संचालन के लिए निर्माणकर्ताओं से सेस की प्रभावी वसूली की जाए, ताकि मजदूरों के हित में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए फंड की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सिलिकोसिस बीमारी के प्रभावी रोकथाम के लिए निर्माण, खनन तथा मूर्तिकला आदि उद्योगों के लिए एडवाइजरी जारी करने के भी निर्देश दिए। 

 

गहलोत ने शुक्रवार को श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि निर्माण एवं अन्य कार्यों में लगे सभी मजदूरों का पंजीकरण कर उन्हें योजनाओं के लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया जाए। उन्होंने मजदूरों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के लिए एक ’वर्किंग गु्रप’ बनाने के निर्देश दिए, जो इन योजनाओें को अधिक प्रभावी बनाने और बेहतर क्रियान्वयन के लिए सुझाव दे। 

 


 

मुख्यमंत्री ने मजदूर की दुर्घटना अथवा सामान्य स्थितियों में मृत्यु पर देय लाभ सहित अन्य सभी कल्याणकारी योजनाओं को तार्किक बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी मजदूर को लाभ से वंचित नहीं किया जाए तथा लाभ वितरण में पूर्ण पारदर्शिता हो। उन्होंने कहा कि निर्माण, खनन तथा मूर्तिकला कारखानों में मालिकों के साथ-साथ मजदूरों को भी सिलिकोसिस से बचाव के साधन अपनाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए।  

 

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 25 लाख मजदूर भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्य श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हैं। बोर्ड द्वारा भवन एवं अन्य निर्माणकर्ताओं से 1 प्रतिशत की दर से सेस वसूला जाता है, जिससे मजदूरों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में निर्माणकर्ताओं से वर्तमान मेंं सेस के रूप में वसूले जा रहे 400 करोड़ रूपए से अधिक राजस्व संग्रहण संभव है। 

 

गहलोत ने कहा कि निर्माणकर्ताओं से सेस की प्रभावी वसूली के लिए निर्माणाधीन भवनों की जीआईएस मैपिंग की जाए। उन्होंने कहा कि नोटिस जारी करने और वसूली में आईटी के इस्तेमाल से पारदर्शिता रहेगी। उन्होंने निर्माणकर्ताओं को सेस चुकाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उनकी समझाइश करने का भी सुझाव दिया।   

 

इस अवसर पर श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, श्रम सचिव नीरज के. पवन, श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।