रविवार, 19 अप्रैल 2020

लोरमी एसडीएम के मनमानी का शिकार अब सिविल वालेंटियर के रूप में सेवा दे रहा सैनिक भी...

संदीप सिंह ठाकुर @ मुंगेली छत्‍तीसगढ़


      लोरमी एसडीएम के मनमानी का शिकार अब सिविल वालेंटियर के रूप में सेवा दे रहा सैनिक हो गया। जिसको लेकर आज नाराज सैनिकों ने लोरमी के एसडीएम कार्यालय पहुँचकर उनके व्यवहार से दुखी होकर उन्हें लिखित में सूचना देते हुए आज से सभी सैनिकों ने कोरोना संकट काल मे ड्यूटी नही करने ज्ञापन सौपा है। 


वहीं इस दौरान भूतपूर्व सैनिकों ने अपना वालेंटियर कार्य लोरमी एसडीएम को लौटा दिया। आपको बता दें कि लोरमी में कोरोना योद्धा के रूप में 16 भूतपूर्व सैनिक बैंकों सड़को और गांवों में अपनी अपनी सेवाएं देते हुए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो का पालन करने सबको प्रेरित कर रहे है जिससे कही भी भीड़ न लगे। ऐसे ही एक सैनिक वालेंटियर संजय गुप्ता जो दूध का पैकेट लेकर वापस घर लौट रहा था। 



जिसे लोरमी एसडीएम ने मुख्यमार्ग में रोक लिया और पूछा तो सैनिक ने अपना वालेंटियर कार्ड दिखाया। वहीं इसको लेकर लोरमी एसडीएम रुचि शर्मा ने इन भूतपूर्व सैनिकों के प्रमुख संतोष साहू को बुलाया तो उन्होंने भी सभी बातें बताई और सैनिक के गाड़ी की चाबी वापस देने का निवेदन किया लेकिन एसडीएम नही मानी और लोरमी के रानीगांव में सड़क पर ही सैनिकों को छोड़कर उनके बाइक की चाबी लेकर चले गई। जिसके बाद भूतपूर्व सैनिकों ने मदद के लिए कलेक्टर सहित पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन घंटो बीत जाने पर भी कोई मदद नही मिली और घंटो से वही अपने बाइक की चाबी का इंतजार करते रहे। 


हालांकि लोरमी टीआई नेल्सन कुजूर पहुंचे तो जरूर लेकिन छीने गए बाइक की चाबी नही होने से इन प्रहरियो की मदद नही कर सके। वहीं इसको लेकर भूतपूर्व सैनिक संतोष साहू ने कहा इसकी जानकारी जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को दी गई है। तो वहीं भूतपूर्व सैनिक सोनसिंह राजपूत ने घटना की निंदा करते हुए कहा की लोरमी एसडीएम रुचि शर्मा अपने पद का दुरुपयोग कर रही है। जब भूतपूर्व सैनिकों से ऐसा व्यवहार कर रही है तो आम नागरिकों से कैसा व्यवहार करती होंगी इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। 


                         


वहीं लोरमी की एसडीएम जब इतनी जागरूक है और लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करवा रही हैं तो उन्हें ये भी नही भूलना चाहिए कि शराब तस्करी की घटना लोरमी की है जहां दूसरे राज्य से वनमार्गों के रास्ते शराब की तस्करी हो रही थी। उस वक्त उनके लिए कड़ाई क्यों नही हुआ. यह एक बड़ा सवाल है। 


लोरमी एसडीएम के द्वारा पहले भी स्थानीय नेताओं सहित निःस्वार्थ कार्य करने वाले वालेंटियरों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है। जिससे क्षेत्र में आक्रोश देखा जा रहा है। जिसकी जानकारी के बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही होने से मुंगेली कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहा है। 


                     


इस पूरे मामले में मुंगेली कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने सैनिक से छीने गए गाड़ी की चाबी को वापस लौटा देने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिए।