प्रजा दत्त डबराल @ देहरादून उत्तराखंड
कहावत है सोये हुए को जगाया जा सकता है पर जागे हुए को नही जी हाँ यही कहावत सटीक बैठती है उतराखण्ड के खनन विभाग पर जिनकी सर परस्ती मे थाना राजपुर क्षेत्र की काली राव नदी मे खनन के नाम पर नदी का दोहन बडी बेदर्दी से जारी है
लेकिन मजाल है संबंधित विभाग की कुम्भकर्णी नींद मे खलल पड़ा हो गौरतलब है कि काली राव नदी के समीप धनौला गांव और ब्रहमपुरी गाव मौजूद है जिनकी जड को खनन माफियाओ ने भारी भरकम मशीनें लगा कर खोखली कर दी है जिसके चलते दोनो गांवो मे सुबह से लेकर रात तक बे रोकटोक चला कर दोनो गांवो को आने वाली बरसात मे खतरे की जद मे लाने की पूरी कोशिश की जा रही है
इस बारे मे जब खनन अधिकारी बिरेन्द कुमार से बात की गई तो उनहोंने साफ साफ बताया कि शासनादेश के अनुसार केवल डेढ़ मीटर तक की गहराई के खनन का अधिकार खनन पट्टा धारको को दिया गया है यदि डेढ़ मीटर की गहराई से ज्यादा खनन किसी भी नदी मे किया जाता है तो वह गैर कानूनी और असंवैधानिक भी है जिसमे ठेकेदारों के खिलाफ अवैध खनन का मुक़दमा कराने के साथ साथ पैन्ल्टी लगाने अधिकार खनन विभाग के पास सुरक्षित है
अब देखना ये है कि तमाम नियम कायदो को ताक पर रख कर खतरनाक तरीके से खनन कर रहे इन ठेकेदारों के खिलाफ अवैध खनन का मुक़दमा दर्ज कराने के साथ अर्थ दंड लगाने की कार्रवाई विभाग कराने का साहस जुटा पाता है या इन ठेकेदारों के दर का कुकुर ही साबित होता है ।