गुरुवार, 18 जून 2020

प्रधानमंत्री वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला खानों की नीलामी के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करेंगे...

संवाददाता : नई दिल्ली


1. कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए, फिक्की के सहयोग से कोयला मंत्रालय सीएमअधिनियम और एमएमडीआर अधिनियम के प्रावधानों के तहत 41 कोयला खानों की नीलामी के लिए प्रक्रिया की शुरुआत कर रहा है। यह नीलामी प्रक्रिया, वाणिज्यिक खनन के लिए भारतीय कोयला क्षेत्र को खोलने की  शुरुआत की प्रतीक है। यह देश को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर बनाने में और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में सक्षम बनाएगा।


कोयले की बिक्री के लिए कोयला खानों की इस नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत, भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं का हिस्सा है। कार्यक्रम 18 जून, 2020 को सुबह 11 बजे वर्चुअल रूप में आयोजित किया जायेगा। यह आयोजन एनआईसी, एमईआईटीवाई के एनईजीडी और फिक्की के विभिन्न नेटवर्कों पर वर्चुअल रूप में उपलब्ध होगा। लोग वर्चुअल रूप में इस कार्यक्रम से जुड़ सकते हैं।



नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ


2. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी खनन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने से सम्बंधित देश के विज़न को रेखांकित करते हुए नीलामी प्रक्रिया के शुभारंभ को संबोधित करेंगे। खनन क्षेत्र बिजली, इस्पात एल्युमीनियम, स्पंज आयरन आदि कई बुनियादी उद्योगों के इनपुट का प्रमुख स्रोत है। केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री श्री प्रहलाद जोशी भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।


3. इस ऐतिहासिक कदम से निजी भागीदारी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे उत्पादन में वृद्धि होगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, उच्च निवेश के माध्यम से नवीनतम उपकरणों, प्रौद्योगिकी और सेवाओं के उपयोग से उत्पादकता में वृद्धि होगी, टिकाऊ खनन का मार्ग प्रशस्त होगा और देश के पिछड़े क्षेत्रों में रोजगार सृजन के अधिक अवसरों का निर्माण होगा। वाणिज्यिक खनन के शुभारंभ के साथ, भारत ने कोयला क्षेत्र को खनन, बिजली और स्वच्छ कोयला क्षेत्रों से संबंधित निवेशकों के लिए अवसरों का एक विकल्प प्रस्तुत किया है।


4. फिक्की की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी, वेदांता समूह के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल और टाटा संस के चेयरमैन श्री एन चंद्रशेखरन भी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।


5. इस कार्यक्रम का लाइव वेब प्रसारण होगा और इसमें प्रमुख उद्योगपतियों, व्यापारियों, बैंकिंग क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तियों, खनन क्षेत्र के उद्यमियों, राजनयिकों, विदेशी प्रतिनिधिमंडलों आदि के भाग लेने की उम्मीद है।


नीलामी प्रक्रिया की मुख्य बातें             


6. कोयला खानों के आवंटन के लिए दो चरण की इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। मॉडल समझौते के साथ बोली दस्तावेज, नीलामी प्रक्रिया की समय-सीमा का ब्यौरा, प्रस्तावित कोयला खदान समेत नीलामी प्रक्रिया का विवरण


http://cma.mstcauction.com/auctionhome/coalblock/index.jsp पर उपलब्ध है, जिसका संचालन नीलामी प्लेटफार्म प्रदाता एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।


7. देश को लाभ:



  • 225 मीट्रिक टन की अधिकतम अनुमानित उत्पादन क्षमता प्राप्त करने पर, ये खान 2025-26 में देश के कोयले के कुल अनुमानित उत्पादन में लगभग 15% का योगदान देंगी।

  • 2.8 लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार सृजन: लगभग 70,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 2,10,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार।

  • देश में अगले 5-7 वर्षों के दौरान लगभग 33,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की उम्मीद।

  • ये खान राज्य सरकारों को सालाना 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व का योगदान देंगी

  • 100 फीसदी एफडीआई से अंतर्राष्ट्रीय कार्य प्रणाली, नवीनतम तकनीकों और खनन कार्यों में मशीनीकरण की सम्भावना। 

  • स्वतंत्र थर्मल पावर प्लांट और कैप्टिव पावर प्लांट द्वारा कोयले के उपयोग से आयात में कमी आयेगी, आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

  • उद्योगों के लिए निरंतर कोयला स्टॉक सुनिश्चित करके विनियमित और गैर-विनियमित क्षेत्र को बढ़ावा।

  • राष्ट्रीय कोयला सूचकांक के कार्यान्वयन के साथ एक मुक्त बाजार संरचना की ओर आगे बढ़ना।

  • कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण को प्रोत्साहन के साथ स्वच्छ ऊर्जा के कुशल उपयोग को बढ़ावा देना और पर्यावरण प्रदूषण संकट को कम करना।