संवाददाता : नई दिल्ली
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की उपस्थिति में आज यहां कोयला मंत्रालय के वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ किया। अपने निवास से उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने इस अभियान का शुभारम्भ किया और 6 इकोपार्क/ पर्यटन स्थलों का शिलान्यास किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोयला/ लिग्नाइट खदानों से संबंधित 10 राज्यों के 38 जिलों में 130 से ज्यादा स्थानों पर वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। अमित शाह ने कहा, “मैं 10 राज्यों के 38 जिलों में फैले 130 से ज्यादा स्थानों पर वृक्षारोपण के लिए कोयला मंत्रालय को बधाई देता हूं।”
कोयला मंत्रालय में सचिव अनिल कुमार जैन, कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री बी पी पति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इस वर्चुअल कार्यक्रम में 160 स्थानों से लगभग 32,000 लोग जुड़े हुए थे। सांसद, विधायक और राज्य सरकार के अधिकारियों सहित 300 से ज्यादा गणमान्य लोग वर्चुअल रूप से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 2019-20 में भारत में कच्चे कोयले का उत्पादन बढ़कर 729 एमटी हो गया, जो 2013-14 में 565 एमटी था। इस प्रकार उत्पादन में 163 एमटी की बढ़ोतरी रही, जबकि इससे पिछले पांच वर्षों के दौरान 73 एमटी की बढ़ोतरी हुई थी। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया 2023-24 के लिए 1 बीटी कोयला उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है, जो मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिहाज से अहम रहेगा। एससीसीएल, एनएलसीआईएल और अन्य कैप्टिव कंपनियां भी आगे बढ़ने और कोयले की घरेलू आपूर्ति में अंशदान करने की ओर अग्रसर हैं।
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कोयले का व्यावसायिक उत्पादन काफी अहम कदम होने जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र को खोले जाने से वैश्विक कंपनियां नई तकनीक और निवेश के साथ आएंगी, जिससे भारत का वैश्विक कंपनियों का जुड़ाव बढ़ेगा।
कोयला क्षेत्र द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर बोलते हुए श्री जोशी ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 तक कोयला और लिग्नाइट पीएसयू ने लगभग 25,000 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 15.7 करोड़ पौधे लगाए हैं। कोयला और लिग्नाइट पीएसयू ने वित्त वर्ष 2023-24 तक देश भर में नए इको पार्क की स्थापना, मौजूदा इको पार्क का विस्तार और 15 स्थानों पर स्थित अन्य पर्यटन स्थलों पर 50 करोड़ रुपये के व्यय की योजना बनाई है।
कोयला सचिव अनिल कुमार जैन ने कहा कि कोयला मंत्रालय के तहत आने वाले पीएसयू इन क्षेत्रों के लोगों की आवश्यकता और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इको पार्क और पर्यटन स्थल विकसित कर रहे हैं। पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, कोयला मंत्रालय की अगुआई में कोयला और लिग्नाइट पीएसयू कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), सिंगरेनी कोलिरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) और एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान शुरू किया है। कोयला लिग्नाइट पीएसयू ने वर्तमान वित्त वर्ष में 70 करोड़ रुपये की लागत से 1,789 हेक्टेयर भूमि पर 40 लाख पौधे लगाने की योजना बनाई है। ये कंपनियां इस वित्त वर्ष के दौरान 20 लाख अतिरिक्त पौधे भी वितरित करेंगी।
इको पार्कों/ पर्यटन स्थलों का विवरण
आज झारखंड और तमिलनाडु में विकसित दो इको पार्कों का शुभारम्भ किया गया। झारखंड के पारसनाथ उद्यान नाम के इको पार्क को सीआईएल की सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) द्वारा विकसित किया गया है और 3.5 हेक्टेयर में फैले इस पार्क में जॉगिंग ट्रैक, फूलों का बगीचा, आराम करने के लिए बेंच, ग्रीन टनेल के साथ जलीय इकोसिस्टम और वेस्ट टू वेल्थ जोन हैं। तमिलनाडु स्थित इकोपार्क को एनएलसी इंडिया लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है और 15 एकड़ में फैले इस पार्क में नौका गम, आराम करने की बेंच, डेंस कवर, बर्ड वाचिंग जोन आदि सुविधाएं हैं। झील में विभिन्न प्रकार की मछलियां और इस इको पार्क में 250 प्रजातियों की चिड़िया आदि आकर्षण होंगे।
उत्तर प्रदेश में बनने जा रहे तीन इको पार्कों का आज शिलान्यास किया गया, जिन्हें सीआईएल की सहायक कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया जाना है। वहीं ओडिशा के लिलारी इको पार्क का विकास सीआईएल की सहायक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स और झारखंड के इको पार्क का विकास सीआईएल की ही सहायक कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) द्वारा किया जाना है। ओडिसा में साल पौधारोपण परियोजना का विकास एनएलसी (इंडिया) लिमिटेड द्वारा किया जाना है, जिसका आज शिलान्यास किया गया।