सोमवार, 27 जुलाई 2020

युद्ध की स्थिति में हम जो बात कहते हैं, करते हैं, उसका असर सीमा पर सैनिकों के मनोबल पर पड़ता है : पीएम

संवाददाता : नई दिल्ली


       मन की बात  प्रधानमंत्री ने रविवार  67वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 2020) की बधाई के साथ की. उन्होंने कहा कि करगिल का युद्ध (kargil War) जिन परिस्थियों में हुआ था उसे देश कभी नहीं भूल सकता. मोदी ने  ने कहा कि करगिल युद्ध के समय, मुझे भी कारगिल जाने और हमारे जवानों की वीरता के दर्शन का सौभाग्य मिला, वो दिन मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है. उन्होंने कहा कि आज देश भर में लोग कारगिल विजय को याद कर रहे है. Social Media पर एक Hashtag #CourageInKargil के साथ लोग अपने वीरों को नमन कर रहें हैं. जो शहीद हुए हैं उन्हें श्रद्धांजलि दे रहें हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि आज दिन-भर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियां, वीर-माताओं के त्याग के बारे में, एक-दूसरे को बताएं. पीएम मोदी ने कहा कि आज, सभी देशवासियों की तरफ से, हमारे इन वीर जवानों के साथ-साथ, उन वीर माताओं को भी नमन करता हूं, जिन्होंने मां-भारती के सच्चे सपूतों को जन्म दिया. पीएम मोदी ने मन की बात के कार्यक्रम में कहा कि एक Website है gallantryawards.gov.in ।


वहां आप सब ज़रूर Visit करें. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल जी ने लालकिले से जो कहा था. वो आज भी हम सभी के लिए बहुत प्रासंगिक है. अटल जी ने, तब देश को गांधी जी के एक मंत्र की याद दिलायी थी. पीएम मोदी ने कहा कि अटल जी ने कहा था कि कारगिल युद्ध ने, हमें एक दूसरा मंत्र दिया है. ये मंत्र था कि कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम ये सोचें कि क्या हमारा ये कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी. पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध की परिस्थिति में हम जो बात कहते हैं करते हैं, उसका सीमा पर डटे सैनिक के मनोबल पर उसके परिवार के मनोबल पर बहुत गहरा असर पड़ता है. ये बात हमें कभी भूलनी नहीं चाहिए।



उन्होंने कहा कि हमारा आचार, हमारा व्यवहार, हमारी वाणी, हमारे बयान, हमारी मर्यादा, हमारे लक्ष्य, सभी, कसौटी में ये जरूर रहना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं, कह रहे हैं, उससे सैनिकों का मनोबल बढ़े, उनका सम्मान बढ़े. उन्होंने कहा कि हमारा आचार, हमारा व्यवहार, हमारी वाणी, हमारे बयान, हमारी मर्यादा, हमारे लक्ष्य, सभी, कसौटी में ये जरूर रहना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं. कह रहे हैं. उससे सैनिकों का मनोबल बढ़े, उनका सम्मान बढ़े. उन्होंने कहा कि कभी-कभी हम इस बात को समझे बिना Social Media पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं जो हमारे देश का बहुत नुकसान करती हैं. कभी-कभी जिज्ञासा वश Forward करते रहते हैं. पता है गलत है ये-करते रहते हैं. पीएम मोदी ने “मन की बात” में कहा कि बिहार और असम में, इस बाढ़ आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ पूरा देश खड़ा है।


उन्होंने लोक मान्य तिलक को याद करते हुए कहा कि 1 अगस्त 2020 को लोकमान्य तिलक जी की 100वीं पुण्यतिथि है. लोकमान्य तिलक जी का जीवन हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. हम सभी को बहुत कुछ सिखाता है.” हमारा देश आज जिस ऊंचाई पर है, वो, कई ऐसी महान विभूतियों की तपस्या की वजह से है, जिन्होंने, राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, उन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं ‘लोकमान्य तिलककोरोना संकट का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे देश में Recovery Rate अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है।


साथ ही हमारे देश में कोरोना से मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफ़ी कम है. पीएम मोदी ने अपील की कि जब भी आपको Mask के कारण परेशानी महसूस होती हो, मन करता हो उतार देना है. तो पल-भर के लिए उन डॉक्टर्स का स्मरण कीजिये, उन नर्सों का स्मरण कीजिये, हमारे उन कोरोना वारियर्स का स्मरण कीजिए. उन्होंने कहा कि एक तरफ हमें कोरोना के खिलाफ लड़ाई को पूरी सजगता और सतर्कता के साथ लड़ना है, तो दूसरी ओर, कठोर मेहनत से, व्यवसाय, नौकरी, पढाई, जो भी, कर्तव्य हम निभाते हैं, उसमें गति लानी है, उसको भी नई ऊंचाई पर ले जाना है।


कोरोना काल में तो हमारे ग्रामीण क्षेत्रों ने पूरे देश को दिशा दिखाई है.गांवो से स्थानीय नागरिकों के, ग्राम पंचायतों के, अनेक अच्छे प्रयास लगातार सामने आ रहे हैं. इस दौरान उन्होंने जम्मू के त्रेवा ग्राम पंचायत और वहां सरपंच बलबीर कौर की कहानी बताई।


इस दौरान उन्होंने जम्मू के त्रेवा ग्राम पंचायत और वहां सरपंच बलबीर कौर की कहानी बताई. उन्होंने कश्मीरी महिला सरपंच जैतूना बेगम की प्रेरणा की कहानी भी बताई. पीएम मोदी ने कहा कि पूरे देश में, कोने-कोने में, ऐसी कई प्रेरक घटनाएं रोज सामने आती हैं, ये सभी, अभिनंदन के अधिकारी हैं. चुनौती आई, लेकिन लोगों ने उतनी ही ताकत से, उसका सामना भी किया।