संवाददाता : नई दिल्ली
प्रेमांजलि मासिक पत्रिका और हिमालय न्यूज के संपादक आशुतोष ममगाईं का निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पत्रकारों में शोक की लहर है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार दोहपर 1 बजे उन्हें बुखार की शिकायत होने पर अस्पताल ले जाया गया, जहाँ कि उनका निधन हो गया। साय 5 बजे उनके देह को किया गया पंचतत्वों में विलीन।
आशुतोष ममगाईं डा. रमेश पोखियाल निशंक के मीडिया प्रतिनिधि भी थे। पत्रकारों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
डा. रमेश पोखियाल निशंक : प्रतिष्ठित मासिक पत्रिका 'प्रेमांजलि' के संपादक आशुतोष मंमगईं के आकस्मिक निधन से स्तब्ध हूँ | बहुत कम लोग होते हैं जो कम उम्र में ही अपनी प्रतिभा की अमिट छाप छोड़कर जाते हैं, उन्हीं लोगों में आशुतोष का नाम भी है | पत्रकारिता जगत के लिए यह एक अपूरणीय क्षति तो है ही उनके निधन से मुझे भी व्यक्तिगत क्षति पहुंची है।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह दिवंगत आत्मा को शांति तथा उनके परिवार एवं मित्र गणों को इस असह्य दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
प्रजा दत्त डबराल : संपादक प्रजा टुडे ने उनके निधन पर कहां कि आशुतोष मेरे मित्र ही नहीं छोटे भाई समान थे और मुझे बहुत गहरा दुख हुआ, उनके आकस्मिक निधन से पत्रकारिता जगत में एक बहुत बड़ी हानि हुई है. जो कोई नहीं भर सकता, मैं भगवान से विनती करता हूं कि वह उनको अपने चरणों में स्थान दे उनके परिवार को सहन करने की शक्ति दे और उत्तराखंड सरकार से अपील भी करना चाहता हूं कि उनकी धर्मपत्नी को सरकारी नौकरी मिले ताकि वह अपना और अपने बच्चे का भरण पोषण कर सकें।
विश्वास अभी तक नहीं हो रहा कि वह हमारे बीच में नहीं है । मन कल से ही उदास है ,मेरी धर्मपत्नी भी कह रही थी मेरे मन में भी उसकी यादें बार-बार घूम रही है क्योंकि वह मेरे घर मैं बहुत बार आया है ,जब भी वह दिल्ली आता था और अगर वह दिल्ली रुका तो मेरे यही रुकता था और मैं जब भी देहरादून जाता हूं ,उसी के यहां रुकता हूं ,ऐसा प्रेम था हम दोनों में,आशुतोष तुम हमेशा मेरी स्मृतियों और मेरे दिल में वास करोगे ।
हमेशा मुझे मलाल रहेगा कि मैं उसके इस करोना काल में अंतिम दर्शन भी नहीं कर सका ।