संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने मंत्रि-मंडलीय सहयोगियों के साथ ही जिला के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों एवं चिकित्सा अधिकारियों से राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति और इसकी रोकथाम के उपायों के संबंध में विस्तार से चर्चा की और उनसे सुझाव प्राप्त किए।
मुख्यमंत्री ने मंत्रीगणों एवं अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जनसामान्य विशेषकर मरीजों के मन में भय का वातावरण बन गया है। इसको दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कोरोना के मरीजों के मनोबल को बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति की पड़ताल एवं मरीजों को सलाह देने के लिए नियमित रूप से वार्डों में चिकित्सकों का राउंड सुनिश्चित करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए टेलीमेडिसीन अथवा वीडियो/व्हाटसअप कॉलिंग के जरिए भी मरीजों को आवश्यक परामर्श दिए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि राज्य में लाखों की संख्या में आए प्रवासी श्रमिकों के भोजन, इलाज एवं उनके क्वारेंटाइन किए जाने की बेहतर व्यवस्था आप सबने स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित की थी। वर्तमान में पूरे राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 20 हजार है। इनके लिए भोजन, पेयजल एवं अन्य व्यवस्थाओं का प्रबंध कोई मुश्किल काम नही है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए जिलों में पर्याप्त व्यवस्था एवं बेड उपलब्ध है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए ताकि लोगों के मन में यह विश्वास पैदा हो कि बीमार होने की स्थिति में उन्हें इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। जिला स्तर पर चिकित्सालयों में रिक्त बेडों की संख्या के बारे में प्रतिदिन जानकारी प्रसारित करने के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों एव स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक दवाओं एवं उपकरण की मेडिकल दुकानों में उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा इनकी कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले वनौषधियों से निर्मित काढ़ा चूर्ण का वितरण करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से संक्रमित ऐसे मरीज जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो, उसकी जांच -पड़ताल के लिए स्थानीय स्तर पर सीटी स्कैन की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि संक्रमण की स्थिति का पता लगाकर उसके अनुरूप इलाज किया जा सके।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन खुलने के बाद से कोरोना संक्रमण की स्थिति बढ़ी है, जो स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि आवागमन बढ़ने और शादी एवं अन्य आयोजनों में लोगों के शामिल होने से संक्रमण में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि अभी कंटेनमेंट जोन अथवा ऐसे स्थान जहां कोरोना के मरीज पाए गए हैं, वहां बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्टिंग होने से संक्रमितों के आंकड़े में वृद्धि हुई है, जबकि स्थिति ऐसी नही है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले समय में कोरोना संक्रमण की स्थिति थमेगी और उसके बाद उसमें कमी भी आएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय किए जाने की सलाह दी।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में कई उपयोगी सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि एसिमटोमेटिक एवं माइल्ड सिमटोमेटिक मरीजों का इलाज होम आइसोशन के जरिए किया जाना चाहिए। उन्होंने ग्राम सभा के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का भी सुझाव दिया। गृह मंत्री ताम्रध्वज, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने भी राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में कई उपयोगी सुझाव दिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य रेणु जी पिल्लै ने बताया कि राज्य में कोरोना से प्रभावित मरीजों की संख्या लगभग 41 हजार है, जिसमें से 20 हजार मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 20 हजार 968 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना के मरीजों के मृत्यु का प्रतिशत 1.73 है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह मात्र 0.84 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में कोरोना पीड़ितों के लिए 22 हजार 606 बेड रिक्त हैं। लगभग 25 सौ लोग होम आइसोलेशन में हैं। बैठक में मुख्य सचिव आर.पी. मंडल, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।