शनिवार, 14 नवंबर 2020

बाल अधिकार सप्ताह का राज्य स्तरीय शुभांरभ बाल कल्याण योजनाओं का लाभ बालकों तक पहुंचे यह सुनिश्चित करेगी सरकार : मुख्यमंत्री

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के साथ ही बाल श्रम, बाल विवाह एवं बच्चों के प्रति हिंसा की रोकथाम जैसे बाल अधिकार से जुड़े विषयों पर प्रभावी कदम उठाए हैं। बाल कल्याण से जुड़ी योजनाओं में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। सरकारी योजनाओं का लाभ बालकों तक पहुंचे यह सुनिश्चित किया जाएगा।

गहलोत 14 से 20 नवम्बर आयोजित किए जाने वाले बाल अधिकार सप्ताह का शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से राज्य स्तरीय शुभांरभ करने बाद सम्बोधित कर रहे थे। वर्चुअल कार्यक्रम ‘बाल संगम’ में गहलोत ने ‘वात्सल्य योजना’ एवं ‘समर्थ योजना’ के दिशा-निर्देशों की पुस्तिका का विमोचन भी किया। उन्होंने जोधपुर में कौशल एवं परामर्श प्रशिक्षण केन्द्र का भी उद्घाटन किया। 

गरीबी एवं आर्थिक असमानता का उन्मूलन जरूरी
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री प. जवाहर लाल नेहरू का कहना था कि आज के बच्चे ही कल का निर्माण करते हैं। अतः उनकी आज की परवरिश पर देश का भविष्य निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि गरीबी, भूखमरी एवं आर्थिक असमानता का उन्मूलन किए बिना बाल मजदूरी को खत्म करना संभव नहीं है। आज भी कई बच्चे बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने को मजबूर हैं। 
 
स्वयंसेवी संस्थाएं साधुवाद की पात्र
 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं को हर बच्चे तक पहुंचाने के साथ ही समाज के हर व्यक्ति को बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए आगे बढ़कर कार्य करना होगा। समाज जुड़ता है तो सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी सही ढ़ंग से जरूरतमंद को मिल पाता है। उन्होंने बाल संरक्षण की दिशा में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए उन्हें साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण के समक्ष मौजूद चुनौतियों का हम सभी को मिलकर सामना करना होगा।
 
वात्सल्य योजना एवं समर्थ योजना का शुभारंभ
 
गहलोत ने कार्यक्रम के दौरान वर्ष 2020-21 के बजट भाषण में की गई नेहरू बाल संरक्षण कोष की स्थापना सम्बन्धी घोषणा की अनुपालना में अनाथ एवं बेसहारा बच्चों के लिए वात्सल्य योजना एवं समर्थ योजना लॉन्च की। साथ ही, जोधपुर में आईसीआईसीआई बैंक के सहयोग से राजकीय बाल संरक्षण गृहों में रहने वाले बच्चों के लिए कौशल विकास केन्द्र का भी शुभारंभ किया।
 
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि जयपुर, अजमेर, कोटा एवं उदयपुर में कौशल एवं परामर्श प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से 750 बच्चों को बेसिक कम्प्यूटर, मोबाइल रिपेयरिंग आदि की ट्रेनिंग दी जा रही है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. संगीता बेनीवाल ने कहा कि बाल अधिकार सप्ताह के तहत बच्चों को उनके अधिकारों एवं बाल संरक्षण के लिए किए गए प्रावधानों के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही, हैल्पलाइन नम्बर के बारे में भी उन्हें बताया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर वे मदद प्राप्त कर सकें।  
 
 
राठौड़ ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा बाल संरक्षण सूचना प्रबंधन प्रणाली का पोर्टल तैयार किया गया है। इसमें बाल कल्याण समितियों, किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल देखरेख संस्थानों द्वारा समस्त श्रेणी के बच्चों का डेटा संधारण पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। 
 
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि बच्चों के सुरक्षित भविष्य एवं उनके अधिकारों के संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी की है। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक एम.एल. लाठर, अति. मुख्य सचिव ग्रामीण विकास रोहित कुमार सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न जिलों की जिला परिषदों के सीईओ, बाल कल्याण समितियों के सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य भी वीसी के माध्यम जु़ड़े रहे। बाल अधिकारिता आयुक्त महेश चन्द्र शर्मा ने अन्त में धन्यवाद ज्ञापित किया।