संवाददाता : जयपुर राजस्थान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है। जरा सी लापरवाही खुद के साथ ही दूसरों के लिये भी जानलेवा हो सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संक्रमण पर नियंत्रण के लिए जनहित में कड़े फैसले लिये हैं। आमजन, जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों सहित समाज के सभी वर्गों को समझना होगा कि प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा को सर्वोपरि रखते हुए सोशल डिस्टेंंसिंग एवं हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना के संबंध में राज्य सरकार द्वारा लिये गये इन निर्णयों की पालना हम सभी के हित में है।
गहलोत सोमवार को वीसी के माध्यम से कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आठ जिला मुख्यालयों पर नगरीय क्षेत्र में नाइट कफ्र्यू तथा शाम 7 बजे बाद बाजार बन्द कराने, विवाह समारोह में 100 से अधिक लोगों के इकटठा होने तथा मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना बढ़ाने जैसे फैसले जीवन की रक्षा के लिए जरूरी हैं।
हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना के साथ सीमित रखें चुनाव प्रचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को इस बात का एहसास है कि प्रदेश में संक्रमण के बढ़ने के पीछे त्यौहारी सीजन के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़, बढ़ती सर्दी, वैवाहिक कार्यक्रमों में अधिक संख्या में लोगों की उपस्थिति के साथ-साथ नगरीय-निकाय तथा पंचायत चुनावों के प्रचार में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होना भी है। उन्होंने कहा कि न्यायिक बाध्यता तथा संवैधानिक प्रावधानों के कारण सरकार ने निकाय एवं पंचायत चुनाव कराए। राज्य सरकार तथा राज्य निर्वाचन आयोग की सख्त हिदायत के बावजूद प्रचार के दौरान मास्क लगाने एवं डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल की उचित पालना नहीं हो पाई। उन्होंने वर्तमान में चल रहे पंचायतीराज चुनाव के प्रत्याशियों तथा सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना अनिवार्य रूप से करें, ताकि आमजन के समक्ष आदर्श प्रस्तुत हो सके।
सभी मरीजों को समान रूप से मिले उपचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कोरोना मरीजों को संक्रमण की गंभीरता को ध्यान में रखकर समान रूप से इलाज मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। अस्पताल प्रशासन एवं ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सकों एवं अन्य हैल्थ वर्कर्स की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे सभी भर्ती, डे-केयर एवं ओपीडी मरीजों से एक समान व्यवहार करते हुए बीमारी की गंभीरता के अनुरूप उनका इलाज करें।
आने वाली वैक्सीन के लिए तैयारी रखें
वीसी के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना वैक्सीन के लिये अभी से पूरी तैयारियां रखने के निर्देश दिए। उन्होंने वैक्सीन के लिए स्टोरेज, कोल्ड चैन, आवश्यकता, वितरण की व्यवस्था तथा प्राथमिकता क्रम आदि बिंदुओं की अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चूंकि चिकित्साकर्मी सबसे अग्रिम पंक्ति के वॉरियर होते हैं अतः उन्हें वैक्सीन प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा जाए।
नाइट कफ्र्यू की पालना में मिल रहा जन-सहयोग
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि आठ जिला मुख्यालयाें पर कलेक्टर एवं एसपी ने बाजारों में जाकर नाइट कफ्र्यू एवं शाम सात बजे बाद बाजार बंद करने की पालना सुनिश्चित कराई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना में व्यापारियों एवं आमजन का अपेक्षित सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि वैवाहिक आयोजनों में 100 जनों तक ही अनुमत रहने की भी कड़ाई से पालना की जा रही है। मैरिज गार्डन संचालकों से भी उनके यहां हो रहे आयोजनों में हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करने में जिम्मेदार भूमिका निभाने की अपेक्षा की गई है। हैल्थ प्रोटोकॉल एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराना उनका भी दायित्व है।
40 निजी चिकित्सालय जोड़ेंगे 1850 अतिरिक्त बैड
महाजन ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद दो दिन में ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में करीब 40 निजी चिकित्सालयों मे कोविड रोगियों के उपचार के लिए 1850 अतिरिक्त बैड बढ़ाने का कमिटमेंट किया है। प्रदेश में अभी तक 41 लाख 79 हजार कोरोना टेस्ट किये जा चुके हैं। सभी 33 जिलों केे अस्पतालों में ऑक्सीजन सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। किसी भी अस्पताल मे ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने बताया कि कोरोना मरीजों से भर्ती रहने के दौरान ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सा कर्मियों द्वारा प्रोफार्मा भरवाने की व्यवस्था की गई है। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि डॉक्टर प्रत्येक कोरोना मरीज को अटेंड करेें। उन्होंने बताया कि यह देखा गया है कि लक्षणों वाले रोगियों में से 80 प्रतिशत रोगी अस्पताल पहुंचने मे 7 से 12 दिन की देरी कर देते हैं इससे स्वास्थ्य संबंधी खतरा बढ़ जाता है और इलाज में भी लंबा समय लगता है। कभी-कभी जान को भी खतरा हो जाता है। ऎसे में अस्पताल पहुंचने में देरी न करें। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा भी वीसी से जुड़े। गहलोत ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव गृह एनएल मीणा, सूचना जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी, एवं स्वायत्त शासन निदेशक दीपक नंदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।