सोमवार, 9 नवंबर 2020

भारतीय वैज्ञानिक प्रवासियों के साथ जुड़ने और कार्य करने की व्‍यापक संभावना है : डॉ. हर्षवर्धन

 संवाददाता : नई दिल्ली

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भारत की विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति (एसटीआईपी) -2020 में योगदान करने के लिए चैनल सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए अत्यधिक कुशल भारतीय प्रवासियों के साथ कल शाम नई दिल्‍ली में आयोजित अपनी तरह के पहले नीतिगत परामर्श बैठक की अध्यक्षता की। इस परामर्श बैठक में भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर के. विजयराघवन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, हेल्थकेयर-बायोटेक सलाहकार, डॉ. विजय चौथईवाले, विदेश मंत्रालय में अपर सचिव रेणु पॉल और दुनिया भर के भारतीय वैज्ञानिक प्रवासी तथा गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का उद्देश्य एसटीआई में प्रगति को गति प्रदान करने के लिए भारतीय प्रवासियों को पुन: भारतीय वैज्ञानिक एवं आर्थिक प्रास्थितिकी तंत्र में जोड़ना है। उनके सहयोग को मजबूती प्रदान करने से भारत विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार के सभी क्षेत्रों में मजबूत विकास के लिए पूरी दुनिया में उनकी एस एंड टी विशेषज्ञता का लाभ उठाने में सक्षम होगा।

प्रवासी भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए सुझावों की प्रशंसा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक प्रवासियों को पूरी दूनिया में सर्वाधिक जीवंत प्रवासी समुदायों के रूप में जाना जाता है। भारतीय मूल के लोग अकादमिक, उद्योग और सरकार में भी नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं, यहां तक ​​कि कुछ प्रौद्योगिकी रूप से सबसे उन्नत देशों में भी इस तरह के उदाहरण सामने आ रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि न केवल हमारे राष्ट्रीय विकास के लाभ के लिए, बल्कि वैश्विक कल्याण के लिए भी भारतीय वैज्ञानिक प्रवासियों के साथ जुड़ने और कार्य करने की व्यापक संभावना है।

प्रोफेसर विजय राघवन ने भारत के विकास में भारतीय प्रवासियों की भूमिका के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एसटीआईपी-2020 की शानदार परामर्श प्रक्रिया भारत के एस एंड टी भविष्य के लिए इनकी विशेषज्ञता को तथ्यपूर्ण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगी। राजदूत रेणु पॉल ने उभरती हुई प्रौद्योगिकियों के गलियारों को जोड़ने में प्रवासियों की भूमिका के बारे में बातचीत की।

प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि एसटीआईपी-2020 एक इच्छाओं की सूची मात्र ही नहीं है, बल्कि कार्ययोजना प्रक्रिया का संकलन है। उन्‍होंने एक व्‍यापक नीति का निर्माण करने के लिए गहराई से जुड़े मस्तिष्‍कों के महत्‍व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह नीति लोगों से जुड़ी है और भविष्‍य के लिए तैयार है। डॉ. विजय चौथईवाले, हेल्थकेयर-बायोटेक कंसल्टेंट ने सभी प्रवासियों से अपील की कि वे एसटीआईपी-2020 का निर्माण करने में विभिन्‍न योजनाओं के तहत भागीदारी करें और पूरे मनोयोग से अपनी विशेषज्ञता का योगदान करें।

एसटीआईपी-2020 का निरूपण 4 अंतः संबंधित ट्रैकों, 21 विशेषज्ञों द्वारा संचालित विषयगत समूहों द्वारा संचालित है। इसमें सार्वजनिक विचार-विमर्शो/परामर्शों पर ध्‍यान केंन्द्रित किया जा रहा है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य राष्ट्रीय एसटीआई पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कार्यान्‍वयन रणनीतियों, अनुमानित प्रदेय उत्‍पादों और कठोर निगरानी तंत्र के अनुरूप सिफारिशों के लिए प्राथमिकता वाले मुद्दों को परिभाषित करना है।