शनिवार, 12 दिसंबर 2020

रोड सेफ्टी काउंसिल की 17 वीं बैठक सड़क दुर्घटना को रोकने में राजस्थान राज्य पूरे देश भर में मॉडल बने : परिवहन मंत्री

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि विभाग का प्रयास होना चाहिए  सड़क दुर्घटना को रोकने में राजस्थान राज्य पूरे देश भर में मॉडल बने तथा इस संबंध में जो योजनाएं बने वे समय बद्ध क्रियान्वित हों।
 
खाचरियावास ने यह बात शुक्रवार को परिवहन भवन में रोड सेफ्टी काउंसिल की 17 वीं बैठक में कही। उन्होंने अधिकारियों को कहा की 108 एंबुलेंस की समीक्षा होनी चाहिए तथा इस संबंध में विभागीय मीटिंग अति शीघ्र करवाई जाए। उन्होंने 108 एम्बुलेंस के रेस्पोंस टाइम को 10-15 मिनट से 8-10 मिनट किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए 15 करोड़ की लागत से सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर में ट्रोमा सेंटर तथा स्किल लैब तैयार हो गई है तथा शीघ्र ही इसका शुभारंभ किया जाएगा।

परिवहन मंत्री ने कहा कि मीटिंग के एजेंडों को सभी विभाग लागू करें जिससे सड़क सुरक्षा हो पाएगी । उन्होंने कहा कि हाईवे पर स्पीड देखने के लिए इंटरसेप्टर तथा कैमरा लगवाया जाए जिससे हाईवे पर चल रहे वाहन की स्पीड नोट हो जाए तथा सीधे घर पर ही ओवरस्पीडिंग के चालान आ जाएं। 
 
उन्होंने कहा कि बीआरटीएस से लगातार जाम लग रहा है तथा यह जयपुर की दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है तथा इस पर शीघ्र रोक लगनी चाहिए। उन्होंने बीआरटीएस कॉरिडोर समाप्त करने के संबंध में यूडीएच विभाग के साथ अलग से बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टोल कंपनियों के ऊपर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माने का प्रावधान है अगर कोई भी कंपनी नियमानुसार कार्य नहीं करती है तो उसके खिलाफ विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
 
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए विभाग द्वारा बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार तथा विज्ञापन लगातार किया जाना चाहिए जिससे आम नागरिक सड़क नियमों तथा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सके। साथ ही इस संबंध में विभाग द्वारा सोशल मीडिया सेल का भी गठन किया जाए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नेशनल हाईवे पर बैरिकेडिंग की जानी चाहिए जिससे जिससे पालतू जानवर नहीं आ पाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण वासियों के पशुओं को निकालने के लिए नेशनल हाईवे पर अंडरपास बनाने की नीति बनायी जाएगी।
 
उन्होंने कहा कि हाईवे पर एनएचएआई तथा टोल कंपनी के कार्य की विभाग द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जानी चाहिए। साथ ही सार्वजनिक निर्माण विभाग जहां जहां पर सड़क बना रही है उसकी जानकारी भी विभाग को होनी चाहिए। 
 
खाचरियावास ने कहा कि एनएचएआई की 75 पेट्रोलिंग गाड़ियां तथा 68 एंबुलेंस गाड़ियों को विभाग के साथ समन्वित किया जाए जिनका इस्तेमाल करके सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सके। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा सेवा मित्र बनाया जाए जो दुर्घटना स्थल से घायल को अस्पताल तक ले जाएं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा घायल व्यक्ति को अस्पताल में ले जाने पर विभाग द्वारा पुरस्कृत करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां पर भी ब्लैक स्पॉट है वहां पर प्रॉपर लाइटिंग की जाए। उन्होंने कहा कि ब्लैक स्पॉट के संबंध में की गई कार्यवाही के संबंध में परिवहन विभाग, नेशनल हाईवे तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम  द्वारा सात दिवस में दौरा किया जाएगा।
 
खाचरियावास ने कहा कि स्कूलों में छठी से दसवीं तक सड़क सुरक्षा के चैप्टर को  पाठ्यक्रम में जोड़ा जाए साथ ही 11 वीं एवं 12 वीं तथा कॉलेज में भी रोड सेफ्टी के चैप्टर  को सिलेबस में जोड़ा जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बैठक में जो भी निर्णय लिया जाए उनका समयबद्ध क्रियान्वयन बेहद जरूरी है।
 
बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक राजेश्वर सिंह, गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास श्री भास्कर ए सावंत ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
 
इससे पहले प्रस्तुतीकरण के माध्यम से परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बैठक में ‘स्टेट रोड सेफ्टी कौंसिल’ की 16 वीं बैठक में लिये गये निर्णयों की क्रियान्विति, राज्य में सड़क दुर्घटना आंकडों की समीक्षा तथा सड़क सुरक्षा के संबंध में किए गए प्रयासों का अवलोकन तथा उच्चतम न्यायालय सड़क सुरक्षा, समिति द्वारा विभिन्न हितधारकों को दिये गये निर्देशों की अनुपालना के सम्बन्ध में चर्चा की गई।  बैठक में पुलिस, चिकित्सा, एनएचएआई, जेडीए के वरिष्ठ अधिकारी तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।