गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

आईआईटी ऐसी टेक्नालाजी पर काम करें जिससे कृषि आधारित उद्योगों की लागत कम हो सके...

 संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़

भिलाई की शान में एक और सितारा जड़ा है। पंडित जवाहर लाल नेहरू के विजन इस भिलाई शहर की दुनिया भर में शान, मान और अभिमान है। पंडित नेहरू द्वारा आरंभ किये गए आईआईटी की यह श्रृंखला भिलाई तक पहुंची है। भिलाई देश का तेईसवां आईआईटी है। यह हमारा गौरव है। यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आईआईटी भिलाई के शैक्षणिक क्षेत्र कारिडोर के भूमिपूजन एवं विभिन्न भवनों की अधिरचना स्थापन कार्यक्रम के अवसर पर कही।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल में सबसे पहले सुपर स्ट्रक्चर पर ईंट रखी। यह ब्रिक लेयिंग सेरेमनी का हिस्सा होता है। इसके बाद कार्यक्रम स्थल से मुख्यमंत्री ने शिला पट्ट और थ्री-डी मॉडल का अनावरण किया। इस अवसर पर आईआईटी के फर्स्ट फेज के डिजाइन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आईआईटी के माध्यम से छत्तीसगढ़ में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा, जो यहां लौह आधारित उद्योगों के लिए काफी उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि हम लोग छत्तीसगढ़ में धान आधारित एथेनाल उद्योग पर काम करने वाले हैं। आईआईटी  में यदि इसकी कास्ट कटिंग पर कोई रिसर्च होता है तो इस उद्योग के लिए यह काफी उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले राज्यों के लिए आईआईटी इस तरह के रिसर्च माडल विकसित करे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईआईटी परिसर का निर्माण 2022 तक पूरा हो जाएगा और यह संस्थान हर मायने में उपयोगी होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्नालाजी अनेक तरीकों से जीवन बदलती है पहले एलुमीनियम काफी महंगी वस्तु होती थी अब यह सुलभ है। इलेक्ट्रॉनिक घड़ियां काफी महंगी होती थी अब ये काफी सस्ती है। आईआईटी के माध्यम से छत्तीसगढ़ में भी विकास की नई संभावनाएं पैदा होंगी। इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि नेहरू जी ने भिलाई स्टील प्लांट की सौगात हमारे प्रदेश को दी। इससे तेजी से विकास के रास्ते खुले। आईआईटी भिलाई के माध्यम से भी छत्तीसगढ़ में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।

इस मौके पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नीतियों की वजह से कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही। उन्होंने कहा कि किसानों को खुशहाल करने के माध्यम से हर वर्ग को खुशहाल किया जा सकता है यह नीति सफल रही, इसका श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने कहा कि आईआईटी जैसी संस्थाएं कास्ट कटिंग पर रिसर्च करें। छत्तीसगढ़ में जहां लौह उद्योग की संख्या काफी है। आईआईटी का यह रिसर्च वरदान साबित हो सकता है। पीएचई मंत्री श्री गुरु रुद्रकुमार ने कहा कि भिलाई आईआईटी के माध्यम से टेक्नालाजी के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के लिए नई संभावनाएं बनती रहेंगी। यह संस्थान हमारे प्रतिभाशाली छात्रों को सर्वोत्तम प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा।

आईआईटी के डायरेक्टर रजत मूना ने संस्थान की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 18 लेक्चर हाल और क्लास रूम बनाए जाएंगे। इंजीनियरिंग और साइंस डिपार्टमेंट के साथ ही लाइब्रेरी और आईटीआईएल बिल्डिंग तथा आब्जर्वेटरी टावर भी बनाये जाएंगे। इसके साथ ही तीन हास्टल और तीन रेसीडेंशियल टावर भी बनेंगे। इस मौके पर राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडे, भिलाई विधायक एवं महापौर श्री देवेंद्र यादव, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, एसपी श्री प्रशांत ठाकुर एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।