बुधवार, 9 दिसंबर 2020

श्रमिकों के लिए संचालित प्रसूति सहायता योजना में गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व भी दी जाए आर्थिक सहायता : मुख्य सचिव

 संवाददाता : जयपुर राजस्थान

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि निर्माण श्रमिकों के परिवारों के लिए संचालित प्रसूति सहायता योजना के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय एवं पूर्व प्रसव भी आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए ताकि महिला श्रमिक अथवा श्रमिकों की पत्नियों की सुरक्षित एवं स्वस्थ डिलीवरी हो सके। उन्होंने इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ चर्चा कर योजना में यथावश्यक परिवर्तन कर करने के निर्देश दिए।
 
आर्य मंगलवार को सचिवालय में भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा श्रमिकों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं के लिए गठित रिफार्म रिकमन्डेटरी समिति की समीक्षा बैठक को विडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे।

बैठक में मुख्य सचिव ने भवन निर्माण श्रमिकों के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए अधिकारियों को मंडल द्वारा संचालित योजनाओं को केन्द्र सरकार द्वारा प्रदत्त मॉडल स्कीम के अनुरूप या उससे साम्यता रखते हुए पुनः संरचित करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य के श्रमिकों के लिए संचालित स्वास्थ्य कवरेज योजना के लिए खाद्य-विभाग के अधिकारियों से चर्चा करने के निर्देश भी दिए जिससे लेबर कार्ड धारकों को स्वतः ही NFSA का लाभार्थी बनाया जा सके।
 
श्रम विभाग के सचिव डॉ. नीरज के. पवन ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से राज्य में निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में श्रमिकों के हितार्थ चल रही दुर्घटना एवं मृत्यु सहायता योजना को मॉडल स्कीम के अनुरूप पुर्नपरिभाषित करने एवं शिक्षा सहायता योजना को मॉडल स्कीम के अनुरूप परिवर्तित किए जाने पर सहमति बनी। निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित सुलभ्य आवास योजना के स्थान पर मॉडल स्कीम के अनुरूप योजना बनाकर उनके लिए शेल्टर ट्रॉजिट आवास आदि बनाए जाने पर भी सहमति बनी।
 
वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सिद्धार्थ महाजन, स्कूल शिक्षा विभाग की सचिव अर्पणा अरोरा, वित्त विभाग के सचिव डॉ. पृथ्वीराज तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव के.के. पाठक भी विडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से बैठक से जुड़े। बैठक में श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया भी उपस्थित थे।